गुरुवार, 17 मार्च 2016

बाड़मेर,राष्ट्रीय स्विच दिवस 25 अप्रैल से होगी पोलियो के टीकाकरण की शुरूआत

बाड़मेर,राष्ट्रीय स्विच दिवस 25 अप्रैल से होगी पोलियो के टीकाकरण की शुरूआत
 
 
17 मार्च। प्रदेश मंे राष्ट्रीय स्विच दिवस 25 अप्रैल से पोलियो के टीकाकरण की शुरूआत होगी। अब तक पोलियो की दो बूंद खुराक के रूप मंे पिलाई जाती रही है। चिकित्सा विभाग आगामी माह से नियमित टीकाकरण तथा पोलियो अभियानों में ट्राइवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन (टीओपीवी) के स्थान पर अब बाइवेलेंट ओरल पोलिया वैक्सीन (बीओपीवी) का उपयोग करेगा।
  मौजूदा समय मंे ट्राइवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन का उपयोग (टीओपीवी) का उपयोग नियमित टीकाकरण एवं पोलियो अभियानों में किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार के पोलियो वायरस टाइप 1, 2 और 3 से लडने की क्षमता है। वर्ष 1999 से दुनिया में कहीं भी पोलियो वायरस टाइप 2 नहीं मिला है इसलिए यह माना गया कि टाइप 1, 2 एवं  3 वाले टीओपीवी को अब देना जरुरी नहीं है, लेकिन पड़ौसी देशों में आज भी  पोलियो के मामले सामने आते हंैं जिनसे भारत में संक्रमण का खतरा है। वाइवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन में में सिर्फ टाइप 1 एवं टाइप 3 होते हैं जिसे अब टीओपीवी की जगह इस्तेमाल किया जाएगा। यह बाकी बचे पोलियो वायरस टाइप 1 एवं 3 से बचाएगी। भविष्य में नियमित टीकाकरण तथा पोलियो अभियानो में बीओपीवी का ही प्रयोग होगा।
टीकाकरण के दौरान रखना होगा विशेष ध्यानः टीओपीवी और बीओपीवी की वॉयल के रंग में कोई फर्क नहीं है। कोल्ड चेन संचालक और एएनएम को स्विच की तारीख के बाद वैक्सीन वितरित करने या देने से पहले वॉयल पर लगे वॉयल पर लगे लेबल को बहुत ध्यान से पढना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वॉयल में बीओवीपी ही है।
कैसे मिला स्विच दिवस का नामः टीओपीवी से बीओपीवी को बदलने की प्रक्रिया को स्विच नाम दिया गया है। 25 अप्रेल को बीओपीवी टीओपीवी की जगह लेगा और इस दिन को राष्ट्रीय स्विच दिवस के रूप में मनाया जाएगा। टीओपीवी का पूरा स्टॉक वापस ले लिया जाएगा और उच्च स्तर से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे नष्ट कर दिया जाएगा। 

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