सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

जयपुर राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज से, पहले दिन के हंगामेदार होने के आसार



जयपुर राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज से, पहले दिन के हंगामेदार होने के आसार


राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र आज सुबह 11 बजे से शुरू होगा। पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा और फिर दिवगंत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। सत्र का पहला दिन ही काफी हंगामेदार होने के पूरे आसार है क्योंकि कांग्रेस अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दो भाजपा विधायकों कैलाश चौधरी व ज्ञानदेव आहूजा की ओर से दिए विवादित बयान के बाद काफी तीखे तेवर अपना रही है और पार्टी ने साफ तौर पर कह दिया है कि दोनों विधायकों को पार्टी से निलंबित करना चाहिए और सीएम को भी माफी मांगनी चाहिए।

इस बारे में रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक सोमवार को ही सवेरे साढे नौ बजे विधानसभा की ना पक्ष लॉबी में होगी, दूसरी ओर भाजपा विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में सीएम ने विधायकों को नसीहत दी कि वे विवादित बयान ना दें और सदन में जनहित व विकास के मुद्दे उठाए।

सरकार बेनकाब होगी-

राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रतिपक्ष सदन चलाना चाहता है क्योंकि सदन चलेगा तो सरकार बेनकाब होगी। इसलिए सत्ता पक्ष जानबूझकर बजट सत्र के पहले ऐसा माहौल बना रहा है जिससे सदन में गतिरोध हो और सदन नहीं चले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति भाजपा विधायकों ने जो गलत टिप्पणी की है, वह सदन में गतिरोध उत्पन्न करने की एक साजिश है।

जनहित के मुद्दे उठाएंगे-

नेता प्रतिपक्ष डूडी ने कहा कि प्रतिपक्ष सदन में जनहित के मुद्दे उठाने के प्रति गंभीर है। प्रदेश का हर वर्ग सरकार से त्रस्त है। दस लाख किसानों को फ सल बर्बादी का मुआवजा नहीं मिला है। साठ से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली लेकिन सरकार संवेदनहीन है। सरकार बिजली क्षेत्र के निजीकरण पर आमदा है। काली सिंध और छबड़ा बिजली परियोजनाओं का निजीकरण एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। बाड़मेर के चालीस हजार करोड़ रूपए के रिफाइनरी प्रोजेक्ट को अटका रही है और डूंगरपुर-रतलाम रेल लाइन प्रोजेक्ट को भी सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में शुरू की गई सभी जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति सरकार दुर्भावनापूर्वक काम कर रही है। प्रदेष में नि:शुल्क दवा एवं जांच योजना और पेंशन योजनाओं को तहस-नहस कर दिया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 5 साल में 15 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। लेकिन दो साल में 26 हजार विद्यार्थी मित्रों को घर भेज दिया और वर्ष 2012 में कांग्रेस शासन में जिन 40 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती की गई थी। उन्हें सरकार स्थाई नहीं कर रही। कुपोषण से बड़े पैमाने पर बच्चों की मौतें हो रही है और सरकार उदासीन है। दलित एवं महिला उत्पीडऩ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के हालात बहुत खराब हैं। 45 हजार करोड़ रूपए के खान घोटाले को दबाया जा रहा है।

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