शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

बाड़मेर में कुपोषण से 2 महीने में 11 बच्चों की मौत, 16 की हालत नाजुक

बाड़मेर में कुपोषण से 2 महीने में 11 बच्चों की मौत, 16 की हालत नाजुक



बाड़मेर जिले में कुपोषण से पीड़ित 11 बच्चों ने पिछले दो माह में दम तोड़ दिया. इसके अलावा 16 बच्चों की हालत नाजुक है.खास बात यह है कि ये सभी बच्चे सरकार के सीएमएएम कार्यक्रम (समुदाय आधारित अति कुपोषित बच्चों के प्रबंधन) के तहत चिह्नित हैं. इस कार्यक्रम के तहत कुपोषण से ग्रस्त बच्चों का उपचार होता है.उधर, जिला प्रशासन प्रारंभिक स्तर पर इन मौतों का कारण कुपोषण मान रहा है, लेकिन अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है. जिम्मेदार चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी सच छिपाने में जुटे हैं और बच्चों की मौत को लेकर अलग-अलग बीमारियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

पीड़ित बच्चे चौहटन, सिवाना बालोतरा ब्लॉक के हैं. जिले के तीन ब्लॉक के 158 गांवों के 38588 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई थी. इसमें 1344 बच्चे कुपोषित होने की पुष्टि हुई है।, जिसमें जिले के चौहटन, सिवाना बालोतरा ब्लॉक में पिछले दो माह में 11 बच्चों की मौतें हुई.

बाड़मेर में कुपोषण से 2 महीने में 11 बच्चों की मौत, 16 की हालत नाजुक

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पीएचसी सारला के सूजो का निवाण निवासी उगम पुत्री रमेश कुमार, कौशल्या पुत्री नखतसिंह गुमाने का तला, कविता पुत्री तुलछाराम बीजराड़, सुगणा पुत्री वीरमाराम धनाऊ, ऊषा पुत्री भीमाराम धनाऊ, पूजा कंवर पुत्री भंवरसिंह, मेहबूब पुत्र हनीफ खां बड़नाव जागीर, पवनी पुत्री चैनराम दूधवा, मुस्कान पुत्री अचलाराम निवासी रानीदेशीपुरा और जमना निवासी रामपुरा जसोल की मौत हो गई.

वहीं इस पुरे मामले में सीएमएचओ बाड़मेर का कहना है की 2 मौतें सीएमएएम कार्यक्रम शुरू होने से पहले हुई थीं लेकिन जो ९ बच्चों की मौत हुई है उसमें अन्य कारण भी शामिल हैं. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और उच्च अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है. जिले में अन्य बच्चों की जांच की जा रही है. कोई गंभीर बच्चा हुआ तो उसको बाड़मेर रैफर करवाकर बेहतर इलाज करवाया जाएगा, ताकि किसी बच्चे कुपोषण के कारण जान नहीं जाए.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें