गुरुवार, 21 जनवरी 2016

जालोर जिले की खबरे। जालोर जिले से आज की सरकारी खबरें

जालोर जिले की खबरे। जालोर जिले से आज की सरकारी खबरें 
रीट परीक्षा के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर नोडल अधिकारी नियुक्त
जालोर 21 जनवरी - जिले में माध्यमिक शिक्षा बार्ड राजस्थान द्वारा 7 फरवरी रविवार को आयोजित की जाने वाली राजस्थान अध्यापक पात्राता परीक्षा, रीट-2015 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट आशाराम डूडी को नोडल अधिकारी (समन्वयक) नियुक्त किया गया हैं।

जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा विभाग राजस्थान के निर्देशानुसार जिले में 7 फरवरी रविवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली राजस्थान अध्यापक पात्राता परीक्षा, रीट-2015 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट आशाराम डूडी को नोडल अधिकारी (समन्वयक) नियुक्त किया गया हैं जिनके मोबाईल नम्बर 9460948989 व 9530318201 तथा कार्यालय के दूरभाष नम्बर 02973-222255 हैं।

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डोडा पोस्त नशा मुक्ति शिविर में 38 व्यसनियों का होगा उपचार
जालोर 21 जनवरी - चिकित्सा एवं आबकारी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सामान्य चिकित्सालय जालोर में नया सवेरा योजनान्तर्गत आयोजित 8 दिवसीय डोडा पोस्त नशा मुक्ति शिविर में जांच पश्चात् 38 व्यसनियों को भर्ती किया जाकर उपचार प्रारम्भ किया गया हैं।

शिविर प्रभारी व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रतनलाल मेघवाल ने बताया कि शिविर का शुभारम्भ 20 जनवरी को किया गया जो 27 जनवरी तक संचालित होगा। शिविर में 48 डोडा पोस्त व्यसनियों की जांच की गई जिसके उपरान्त 38 डोडा पोस्त व्यसनियों को शिविर में भर्ती किया गया। गुरूवार को जालोर उपखण्ड अधिकारी हरफूल पंकज ने शिविर का निरीक्षण किया तथा आवश्यक निर्देश दिये।

शिविर में जिला आबकारी अधिकारी गेमराराम सुथार, आबकारी विभाग के उपअधीक्षक दुर्गसिंह, डाॅ वी.के.गुप्ता, डाॅ. दरगाराम चैधरी, डाॅ. पियुष शर्मा, डाॅ. दिनेश कुमार व नर्सिंगकर्मी पृथ्वीराज, जितेन्द्र कुमार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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मेधावी विद्यार्थियों को लेपटाॅप वितरण 23 व 24 जनवरी को
जालोर 21 जनवरी -राज्य सरकार की मेधावी विद्यार्थियों को लेपटाॅप उपलब्ध करवाने की योजना के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 व वर्ष 2014-15 की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम के आधार पर मेरिट में आने वाले कक्षा 8, 10 व 12 के विद्यार्थियों को 23 व 24 जनवरी को लेपटाॅप वितरित किये जायेंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) जयनारायण द्विवेदी ने बताया कि राज्य सरकार की मेधावी विद्यार्थियों को लेपर्टाप उपलब्ध करवाने की योजना में वर्ष 2013-14 व वर्ष 2014-14 की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम के आधार पर राज्य स्तरीय मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को 23 जनवरी को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालोर में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी, सांसद देवजी पटेल की अध्यक्षता, जिला प्रमुख डाॅ. वन्नेसिंह गोहिल व जालोर विधायक श्रीमती अमृता मेघवाल के विशिष्ठ आतिथ्य में लेपटाॅप वितरित किये जायेंगे वही जिला स्तरीय मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाले पात्रा विद्यार्थियों को 24 जनवरी को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालोर में लेपटाॅप वितरित किये जायेंगे।

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जीरे की फसल को कीट-व्याधियों से बचाव के उपाय

जालोर 21 जनवरी -उद्यान विभाग द्वरा जीरा फसल में विभिन्न कीट-व्याधियों का प्रकोप होने की

संभावना को देखते हुए नियन्त्राण के उपाय बताये गये हैं।


उद्यान विभाग के सहायक निदेशक एल.एन.यादव ने बताया कि वर्तमान में दिन-रात के तापमान में उतार-चढाव एवं आकाश में बादल छाये रहने की स्थिति में जीरे की फसल मंे विभिन्न कीट-व्याधियों का प्रकोप होने की संभावना हो जाती हैं जिसके नियन्त्राण के लिए विभिन्न प्रकार के उपचार किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मोयला का प्रकोप प्रायः फसल की फूल आने की अवस्था में होता हैं। मोयला पौधों से रस चूस कर हानि पहुंचाता हैं। इसके प्रकोप से फसल बढवार प्रभावित होती हैं। इस कीट के प्रभावी नियन्त्राण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 200एसएल 25 ग्राम सक्रिय तत्व या थायोमिथाक्साम 25 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण 100 ग्राम प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करे तथा आवश्यकता हो तो छिडकाव को 10-15 दिन बाद पुनः दोहरावें।

इसी प्रकार जीरे की फसल के छाछ्या रोग से प्रभावित होने की स्थिति में पत्तियों पर सफेद चूर्ण दिखाई देने लगता हैं। इसका समय पर नियन्त्राण करना अति आवश्यक हैं। नियन्त्राण के अभाव में इसकी गंभीरता बढ जाती हैं तथा फसल में बीज नहीं बनते हैं। इसके प्रभावी नियन्त्राण के लिए घुलनशील गंधक 2.5 किग्रा प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करें या कैराथेन एल.सी. एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर रोग का प्रकोप होते ही छिडकाव करें। आवश्यकता हो तो यह उपाय 10-15 दिन बाद पुनः प्रयोग में लेवे। झुलसा रोग फसल की फूल वाली अवस्था के समय यदि आकाश में बादल छाये रहते हैं तो इस रोग का प्रकोप होना निश्चित हो जाता हैं। प्रभावित पौधों के सिरे मुड जाते हैं तथ पत्तियों एवं तनों पर भूरे रंग धब्बे पड जाते हैं। इस रोग का प्रकोप दिखते ही नियन्त्राण उपाय नही किये जाये तो फसल को बचाना मुश्किल हो जाता हैं। इस रोग के प्रभावी नियन्त्राण के लिए टाॅप्सिन एम या मैन्कोजेब या थाईराम 2 ग्राम प्रतिलीटर पानी की दर से छिडकाव करें। आवश्यकता हो तो यह नियन्त्राण उपाय 10-15 दिन के अंतराल में दो बार दोहरावें।

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