बुधवार, 27 जनवरी 2016

अलवर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का तुगलकी फरमान, रीट परीक्षा देने वाली महिलाएं नहीं पहने मंगलसूत्र

अलवर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का तुगलकी फरमान, रीट परीक्षा देने वाली महिलाएं नहीं पहने मंगलसूत्र


अलवर। राजस्थान में महिलाओं के रीट परीक्षा में बैठने से पूर्व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। बता दें कि उनकी सुहाग की निशानी माना जाने वाला मंगलसूत्र, कानों में टॉप्स, अंगूठी और चेन को परीक्षा कक्ष में वर्जित कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नकल रोकने के इस तुगलकी फरमान को महिलाओं ने बेतुका करार दिया है। अधिकारियों के इस तुगलकी फरमान की वजह से राजस्थान में इस वर्ष 7 फरवरी को होने वाली रीट परीक्षा-2016 में दाखिल होने वाली महिलाओं को सुहाग की निशानी मंगलसूत्र नहीं पहनने दिया जाएगा।

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रीट परीक्षा को लेकर प्रशासन व शिक्षा अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी तैयारियों की समीक्षा की गई। जिसमें अलवर जिले के रीट परीक्षा प्रभारी एनएल शर्मा ने भी भाग लिया। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की ओर से अलवर जिले के पर्यवेक्षक एनएल शर्मा ने बताया कि परीक्षा में सभी परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की अंगूठी, कानों में टॉप्स,चेन और मंगलसूत्र भी नहीं पहनने दी जाएगी। ऐसी कोई चीज का इस्तेमाल वर्जित रहेगा जिसमें डिवाइस लगाई जा सके।



इसी प्रकार महिलाएं मंगलसूत्र भी नहीं पहन सकेंगी। रीट परीक्षा दो पारियों में होगी इसमें प्रथम पारी लेवल-2 में 48 हजार 874 तथा दूसरी पारी में लेवल-1 के परीक्षार्थियों की संख्या 15500 है। उन्होंने बताया की इस वर्ष परीक्षार्थी गृह जिले में परीक्षा नही दे पाएंगे। अलवर जिले के परीक्षार्थी अन्य जिलों में परीक्षा देने जाएंगे, लेकिन वे अपने सम्भाग के ही अन्य जिलों में परीक्षा देने जाएंगे। परीक्षार्थियों को परीक्षा देते समय अपने साथ दो फोटो भी लाने होंगे।

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