रविवार, 13 दिसंबर 2015

राजस्थान की भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन से की तुलना, गिनाई उपलब्धियां

राजस्थान की भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन से की तुलना, गिनाई उपलब्धियां


जयपुर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज अपने दो साल के शासनकाल की पूर्व कांग्रेस सरकार से तुलना करते हुए प्रदेश में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की तथा कई अन्य योजनाओं की घोषणा कर प्रदेशवासियों को सौगात प्रदान की।
राजे राज्य सरकार के शासनकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हमने दो साल के दौरान प्रदेश के राजमार्ग एवं जिला सड़कों के विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये खर्च कर चार हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण करवाया जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार ने अपने दो साल के शासनकाल में एक हजार करोड़ रुपये खर्च कर 2200 किलोमीटर ही सड़कों का निर्माण करवाया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 1500 और ढाणियों को सड़कों से जोडऩे की मंजूरी मिल चुकी है तथा अनूपगढ़ क्षेत्र की लिंक रोड़ भी 293 करोड रुपये के विकास कार्यो में शामिल है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य के सात जिलों में मेडिकल कॉलेज , नागौर में कृषि विश्वविद्यालय तथा दो जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज तथा मूकबघिरों के लिए कॉलेज खोलने का एलान किया।
इसके अलावा गैर संगठित श्रमिकों के लिए आवास , स्वास्थ्य , जीवन सुरक्षा संबंधी योजनाओं की घोषणा करते हुए प्रदेश में कुशल , अर्द्धकुशल एवं अकुशल श्रमिकों के लिए एक जनवरी 2016 से न्यूनतम मजदूरी बढाने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज से लागू की गई भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 68 लाख परिवारों को साधारण बीमारी के लिए तीस हजार रुपये तथा गंभीर रोग के उपचार के लिए तीन लाख रुपये तक की सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा राज्य में मानव अंग प्रत्यारोपण का कार्य भी शुरु हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2013 में पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा आर्थिक जर्जर हालत में प्रदेश की बागडोर हमें सौंपी थी और हमने इसे चुनौती मानते हुए स्वीकार कर अपना कार्य शुरु किया।
राजे ने कहा कि आर्थिक संकट का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्युत कम्पनियों का कर्जभार 70 हजार करोड रुपये से भी ज्यादा था। इन कम्पनियों को घाटे से उबारने के लिए 24 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जबकि पूर्व सरकार ने पांच साल के दौरान चार हजार करोड़ रुपये की ही मदद दी थी।

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