शनिवार, 19 दिसंबर 2015

अब घर पर ट्यूशन के लिए बुलाया तो टीचर की खैर नहीं

 अब घर पर ट्यूशन के लिए बुलाया तो टीचर की खैर नहीं

राजसमंद. विद्यार्थियों के लिए खुशखबर है कि अब शिक्षक, व्याख्याता उनके विद्यालय में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को घर या कोचिंग संस्थान में ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे। विद्यार्थियों को ट्यूशन के लिए शिक्षकों द्वारा बाध्य करने की शिकायतें बढऩे के बाद अंकुश के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब प्रधानाचार्य की अनुमति से कमजोर वर्ग के प्रत्येक कक्षा से अधिकतम दो से तीन विद्यार्थियों को ही ट्यूशन पढ़ा सकेंगे। इसके लिए शिक्षक को घर पर ट्यूशन पढ़ाने का विशेष रजिस्टर रखना होगा, जिसकी हर माह शिक्षा महकमे द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी। कहीं से भी विद्यार्थियों को बाध्य करने की शिकायत मिलने पर अब संबंधित शिक्षक या व्याख्याता के खिलाफ सीसीए 17 के तहत दंडात्मक कार्रवाई होगी।

प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा के शिक्षक व व्याख्याता में व्यक्तिक अध्यापन (ट्यूशन) की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत सरकार ने यह स्वीकार भी किया कि शिक्षक जिम्मेदारी से नहीं पढ़ाते हैं। न तो शिक्षक पूर्ण जिम्मेदारी से पढ़ाते हैं और न ही विद्यार्थियों को ही कुछ समझ आता है। इस कारण लगभग हर विषय के शिक्षक व्यक्तिगत ट्यूशन के लिए दबाव बनाते हैं, तो शिक्षण में कमजोरी के चलते विद्यार्थी स्वत: ही मुंह मांगा शुल्क देकर पढऩे को मजबूर हो जाते हैं। इसी कारण प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय तक शैक्षिक गुणवत्ता की स्थिति नगण्य सी रह गई है। इसका खमियाजा खासकर गरीब व मध्यम वर्ग के छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है।

तो क्यों नहीं लगती विशेष कक्षाएं

कमजोर शैक्षिक स्तर वाले विद्यार्थियों को अलग से पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा का प्रावधान होने के बावजूद न तो विद्यालय गंभीर है और न ही शिक्षा महकमे के स्तर से कोई ध्यान दिया जा रहा है। इसी कारण शिक्षकों के घर पर ट्यूशन पढ़ाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है।

इन विषयों में बढ़ी ट्यूशन प्रवृत्ति

विभागीय सर्वे के मुताबिक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, लेखा शास्त्र, अंगे्रजी एवं माध्यमिक स्तर की कक्षाओं में अंगे्रजी, विज्ञान, गणित विषयों में ज्यादातर छात्र-छात्राएं विषयाध्यापक के घर ट्यूशन करते हैं। समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण न होने की वजह से ट्यूशन की प्रवृत्ति बढऩे के बावजूद प्रशासन गंभीर नहीं है।

ट्यूशन के लिए मिलेगा विशेष लाइसेंस

विद्यालय की शैक्षिक स्थिति के आधार पर प्रधानाचार्य द्वारा शिक्षक को विशेष लाइसेंस दिया जाएगा। इसके तहत भी उच्च प्राथमिक विद्यालय तक के अधिकतम 3 छात्रों और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर तक के अधिकतम दो विद्यार्थियों को ट्यूशन पढ़ाने की अनुमति मिलेगी।

अवहेलना पर कार्यवाही

शिक्षकों द्वारा ट्यूशन के लिए बाध्य करने, कोचिंग सेंटर चलाने की शिकायतें प्राप्त हुई। इस पर अंकुश लगाने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। ट्यूशन व कोचिंग सेंटर चलाने वाले शिक्षकों की सूची डीईओ से मांगी है। अगर कोई प्रधानाचार्य या डीईओ किसी शिक्षक की सूचना नहीं भेजेगा, तो प्रधानाचार्य व डीईओ के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

हर शिक्षक को देना होगा शपथ-पत्र

शैक्षिक सत्र शुरू होने के साथ ही प्रत्येक शिक्षक व व्याख्याता को ट्यूशन न पढ़ाने संबंधी शपथ-पत्र शिक्षा विभाग को देना होगा। इसके लिए स्वीकृति लेकर चयनित अधिकतम दो छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने की व्यवस्था को भी तय रजिस्टर में इंद्राज करना होगा।

विजयशंकर आचार्य, उप निदेशक (माध्यमिक), शिक्षा निदेशालय, बीकानेर

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