श्रीगंगानगर। आलू के कारण गड़बड़ा सकता है बजट, आलू की खेती बीमारी की चपेट में
श्रीगंगानगर। आने वाले दिनों में आलू खरीदना जेब पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि कई जगहों पर इन दिनों आलू की फसल लीफकर्ल नामक बीमारी की चपेट में आ रही है। किसानों की माने तो इस बिमारी से निपटने के तमाम इंतजाम किए जाने के बावजूद फसल को बचाना मुश्किल हो रहा है। श्रीगंगानगर जिले के किसान आलू की खराब होती फसल को लेकर चिंतित हैं।
दरअसल, आलू की फसल का लीफकर्ल नामक बीमारी की चपेट में आना भविष्य में आलू के दामों में बढ़ोतरी होने का सबसे बड़ा कारण है। श्रीगंगानगर जिले में सबसे ज्यादा आलू की बुवाई साधुवाली गांव में की जाती है। इस बार भी करीबन पांच सौ बीघा में आलू की बुवाई की गयी है। लेकिन इस बार साधुवाली के किसान आलू की फसल पर मंडराते खतरे से चिंतित हो चुके है।
इन दिनों किसानो को हो रही समस्या पर कृषि महकमे के अधिकारी भी चिंतित नजर आ रहे हैं। इसके अलावा वे किसानों को कई दवाइयों के बारे में सलाह दे रहे हैं। ताकि लिफकर्ल नामक यह बिमारी दूर हो जाए और आगे न बढ़ सके।
श्रीगंगानगर। आने वाले दिनों में आलू खरीदना जेब पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि कई जगहों पर इन दिनों आलू की फसल लीफकर्ल नामक बीमारी की चपेट में आ रही है। किसानों की माने तो इस बिमारी से निपटने के तमाम इंतजाम किए जाने के बावजूद फसल को बचाना मुश्किल हो रहा है। श्रीगंगानगर जिले के किसान आलू की खराब होती फसल को लेकर चिंतित हैं।
दरअसल, आलू की फसल का लीफकर्ल नामक बीमारी की चपेट में आना भविष्य में आलू के दामों में बढ़ोतरी होने का सबसे बड़ा कारण है। श्रीगंगानगर जिले में सबसे ज्यादा आलू की बुवाई साधुवाली गांव में की जाती है। इस बार भी करीबन पांच सौ बीघा में आलू की बुवाई की गयी है। लेकिन इस बार साधुवाली के किसान आलू की फसल पर मंडराते खतरे से चिंतित हो चुके है।
इन दिनों किसानो को हो रही समस्या पर कृषि महकमे के अधिकारी भी चिंतित नजर आ रहे हैं। इसके अलावा वे किसानों को कई दवाइयों के बारे में सलाह दे रहे हैं। ताकि लिफकर्ल नामक यह बिमारी दूर हो जाए और आगे न बढ़ सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें