अजमेर जानवर और मनुष्य के बीच अनूठा प्रेम देखकर छलक पड़ेंगे आपके आंसू
अजमेर फिल्मी दुनिया में श्वान (कुत्ते) की वफादारी के कई किस्से ना केवल सुनने में बल्कि देखने में आए हैं। जेकी श्राफ की फिल्म तेरी मेहरबानियां हों या अक्षय कुमार की एन्टरटेनमेंट-एन्टरटेनमेंट। इसमें श्वान के किरदार ने ना केवल दर्शकों को भावविह्लल किया बल्कि हंसा कर लोट-पोट करने का भी मौका दिया।
श्वान की वफादारी एवं प्रेम केवल फिल्मों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आम जिन्दगी में भी श्वान कई जगह परिवार का सदस्य बन जाता है। लम्बे समय तक मालिक की सुरक्षा एवं पहरेदारी के बाद वह परिवार के इतना करीब आ जाता है कि उसके मरने के बाद भी मालिक से उसे ना केवल याद करता है बल्कि उसकी याद व साथ जीए खुशनुमा पलों को चिरस्थायी बनाने के लिए उसकी समाधि बना देता है। यह मालिक के लिए किसी मंदिर से कम भी नहीं होता है।
अजमेर जिले के रामसर स्थित पशु प्रजनन केन्द्र में भी ऐसा ही समाधिस्थ/स्मारक श्वान की याद में बनाया गया है। इस समाधिस्थल के चारों ओर पार्क भी डवलप किया गया है। पशु प्रजनन केन्द्र में कार्यरत अजमेर निवासी रविदत्त मिश्रा ने अपने पालतू श्वान को यहीं लाकर दफना दिया। वहीं अपने खर्चे से समाधिस्थल बना कर पशु प्रेम का उदाहरण पेश किया। उन्होंने श्वान के समाधिस्थल पर पार्क डवलप कर दिया।
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