मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

जैसलमेर लगा सको तो बाड लगाओ, आग लगाना छोड दो - ज्ञानसाहेब


जैसलमेर लगा सको तो बाड लगाओ, आग लगाना छोड दो - ज्ञानसाहेब

जैसलमेर - खुहडी में कबीर आश्रम में भोमसिंह सोडा द्धारा अपने पुत्र स्व. श्री गोपालसिंह सोडा की चिर समृती में एक बडे सतसंग भवन का निर्माण करवाया गया। आश्रम के संत दिपक साहेब व गुजरात बडोदा से पधारे ज्ञानसाहेब द्वारा भवन का फिता काट कर उद्धघाटन किया गया। तिन दीवसीय क्रार्यक्रम के प्रथम दिन मंगलवार को उद्धघाटन क्रार्यक्रम के दोरान देष विदेष से कई संतो का समागम हुआ। उद्धघाटन के दोरान संतो ने वैद मंत्रो से आये भक्तो को मंदमुग्द कर दिया।

खुहडी स्थीत कबिर आश्रम के संत दिपक साहेब के साथ गुजरात बडोदा से आये ज्ञानसाहेब, लखनउ के गुरुरमन साहेब, नागोर के बहादुर साहेब, कोटा के दोआकर साहेब, व नेपाल से आये संत तत्पर साहेब के सानिध्य में उद्धघाटन किया गया।

क्रार्यक्रम में खुहडी के सेकडो ग्रामिणो के साथ ही सोडा परिवार के ठा.भोम सिंह जी सोडा, गोविन्दसिह, शम्भुसिंह, रणवीर विक्रमसिंह, नटवरसिंह, कल्याणसिंह, सहीत विभिन्न ग्रामिण क्षेत्रो से आये भक्तो ने भजन का लाभ लिया।

सतसंग का आयोजन -

गुजरात बडोदा से आये ज्ञानसाहेब ने भवन के उद्धाघाटन के बाद आयोजित सतसंग में प्रवचन दिये। उन्होने कहा लगा सको तो बाड लगाओ आग लगाना मत सिखो, जला सको दिया जलाओ दिल जलाना मत सिखो। कर सको तो सदकर्म करे दुष्कर्म करना मत सिखो। मानव जिवन को मनुष के जिवन में महत्वपूर्ण तत्व है वो सदर्माग है। शरीर का कोई मोल नही है। महापुरुषो के जिवन से हमे प्रेरणा लेकर सदमार्ग को चुनना चाहिये।

क्रार्यक्रम के अंत में ठा. भोम सिंह सोडा ने आये सभी भक्तो का धन्यवाद दिया व संतो से आषिर्वाद लिया।

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