बाड़मेर सीमा पार से जुड़े हवाला के तार!
हथियार तस्करी के दौरान पाक से हुआ था हवाला बाड़मेर गुजरात के हवाला कारोबारी के बाड़मेर स्थित कार्यालय में मंगलवार को दिन दहाड़े हुई 18 लाख रूपए की लूट ने हवाला के धंधे की सीमावर्ती जिले में जड़ें गहरी होने की अनायास ही पोल खोल दी है।
एक अरसे से यह जानकारी सामने आ रही थी कि बाड़मेर में चोरी-छिपे हवाला का बड़ा कारोबार हो रहा है, जिसकी पहुंच देश भर मे होने के साथ सीमा पार पाकिस्तान, दुबई सहित अरब देशों तक है।
सीमा पार से आने वाले हथियारों, मादक पदार्थो के मामले में पूर्व में भी हवाला के जरिए लाखों रूपए पाकिस्तान पहुंचने की कहानियां उजागर होती रही हैं, लेकिन उसकी कडियां जोड़ने में एजेन्सियों व पुलिस को कामयाबी कम ही मिली है।
2014 की खेपों में हुआ था हवालावर्ष 2014 में पाकिस्तान से नकली नोटों, हथियारों, कारतूस इत्यादि की चार खेप भारत आई। इसका खुलासा दिसम्बर 2014 में एटीएस व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में हुआ।
पुलिस ने कुख्यात तस्कर नबिया सहित सोलह जनों को गिरफ्तार किया। पाक से आई खेपों से संबंधित लाखों रूपए का लेन-देन जोधपुर में निवास कर रहे पाक मूल के नागरिक नंदलाल ने हवाला के जरिए पाकिस्तान के कराची से करवाया और बाड़मेर के कुख्यात तस्कर नबिया व उसके पूरे गिरोह को लाखों रूपए दिए।
शहर में हवाला के चार कारोबारीसूत्रों ने बताया कि बाड़मेर शहर में हवाला के धंधे में चार बड़े नाम हैं, जो भूमिगत तरीके से करोड़ों रूपए का कारोबार देश भर में कर रहे हैं। इनका जुड़ाव भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई व गुजरात से ज्यादा है।
अंदेशा है कि दुबई व अरब देशों के बड़े उद्यमियों के लाखों-करोड़ों रूपए मुम्बई व गुजरात के रास्ते हवाला के जरिए बाड़मेर पहुंच रहे हैं। इस राशि का निवेश जमीन व तेल क्षेत्र में ब्लैक मनी के रूप में हो रहा है।
सीमावर्ती जिला, नापाक नजरबाड़मेर सीमावर्ती जिला है, जो पाकिस्तान से सटा हुआ है। पाकिस्तान की खुफिया एजेन्सी आईएसआई पिछले लम्बे समय से राजस्थान बॉर्डर पर नजरें गड़ाए हैं। भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गुर्गे तैयार करने के लिए प्रयासरत है।
इन गुर्गो को बस में करने के लिए उन्हें हवाला कारगर माध्यम लगता है। ऎसे में बाड़मेर में हवाला के धंधे की जड़ें गहरी होना राष्ट्रविरोधी तत्वों के लिए मुफीद साबित हो रहा है।
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