अपना ही खून लौटा रहा खूबसूरती
जोधपुर डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन मथुरादास माथुर अस्पताल के चर्म रोग विभाग में इन दिनों एेसे लोगों की भीड़ उमड़ रही है जो अपने खून से वापस अपनी खूबसूरती लौटाना चाहते हैं। चाहे वे बाल उगाना हो, झुर्रियां खत्म करनी हो, झाइयां हटानी हों, पेट पर स्क्रेच हटाने हों या फिर सफेद दाग का इलाज।
यह सब हो रहा है पीपीटी (प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा) की वजह से। यह तकनीक खुद मेडिकल कॉलेज की ट्रांसफ्यूजन विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू बोहरा ने चर्म रोग विभागााध्यक्ष डॉ. दीलिप कच्छवाह के साथ मिलकर इजाद की है।
क्या है पीपीटी
खून में तीन कोशिकाएं लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लेटलेट होते हैं। पीपीटी में मरीज के शरीर का खून लिया जाता है और इसमें प्लेटलेट्स की सांद्रता बढ़ाई जाती है। यह सांद्रता 6 से 10 गुणा तक बढ़ाई जाती है।
उम्मेद अस्पताल ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. मंजू बोहरा ने बताया वे सेंट्रीफ्यूज की सहायता से प्रति मिलीमीटर खून में प्लेटलेट्स बढ़ा देते हैं। इसके लिए खून को दो घंटे तक सेंट्रीफ्यूज में विशेष तकनीक से घुमाया जाता है।
प्लेटलेट्स रिच यह खून वापस उसी मरीज के संबंधित हिस्से में इंजेक्शन की सहायता से डाला जाता है। प्लेटलेट्स शरीर के उस अंग को नई कोशिकाएं व ऊतक बनाने के लिए उत्प्रेरित करती है।किस समस्या के कितने रोगी आए
समस्या रोगी
बाल झडऩा 100
झुर्रिया हटाना 35
सफेद दाग 15
पेट पर स्क्रेच मार्क 10
आंखों के नीचे झाइंया 15
हम सफल हुए
निजी अस्पताल में 15 से 20 हजार में इलाज होता है, लेकिन हम फ्री में इलाज कर रहे हैं। इस पूरी तकनीक में प्लेटलेट्स का सांद्रण महत्वपूर्ण है। अगर कोई प्लेटलेट्स की सांद्रता बढ़ाए बगैर खून इंजेक्ट करे तो उसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
तकनीक को शुरू किए दो महीने हो गए हैं और अब तक 200 रोगियों का इलाज शुरू हो गया है। परिणाम अच्छा रहा है।
डॉ. दिलीप कच्छवाह, चर्म रोग विभाग, एमडीएम अस्पताल
साभार राजस्थान पत्रिका
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