रविवार, 11 अक्तूबर 2015

ये है देश का पहला 'हार्इ टेक' गांव जहां मिल रहा है मुफ्त इंटरनेट

ये है देश का पहला 'हार्इ टेक' गांव जहां मिल रहा है मुफ्त इंटरनेट


दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल द्वारा भारत के 500 रेलवे स्टेशनों को वार्इ-फार्इ करने की खबर को सोशल मीडिया पर काफी अच्छा प्रतिसाद मिला था। इसे भारत के डिजिटल इंडिया की आेर बड़े कदम के रूप में देखा गया।

पीएम मोदी के हाल के अमरीकी दौरे में गूगल सीर्इआे सुंदर पिचार्इ ने उनसे यह वादा किया था।

लेकिन आपको यह जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि भारत का एक छोटा सा गांव पहले से ही वार्इ-फार्इ सुविधा से लैस है। यह कारनामा ग्राम पंचायत ने अपने बलबूते हासिल किया है।

केरल की इरावीपेरूर देश की पहली ग्राम पंचायत है जहां आम जन को मुफ्त वार्इ-फार्इ सुविधा मुहैया करवार्इ जा रही है।







अंग्रेजी दैनिक द हिंदू में छपी इस खबर के मुताबिक इरावीपेरूर ग्राम पंचायत के अध्यक्ष एन राजीव ने बताया कि पंचायत के एक किलोमीटर की परिधि मुफ्त वार्इ-फार्इ सुविधा से लैस है।



पंचायत ने वल्लमकुुलम स्थित ग्राम विज्ञान केंद्र, कोझिमाला स्थित पंचायत कार्यालय, नन्नूर स्थित आयुर्वेद डिस्पेंसरी, आेथेरा स्थित प्राथमिक चिकित्सालय आैर इराविपेरूर स्थित बच्चों के पार्क में वार्इ-फार्इ हाॅटस्पाॅट स्थापित किए हैं।



बताया जा रहा है कि शीघ्र ही इस के आसपास सभी ग्राम पंचायतों में मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन मिलने लगेगा। 100 एमबी डाटा यूज करने के बाद कनेक्शन अपने आप ही बंद हो जाता है जिसे दस मिनट बाद दुबारा चालू किया जा सकता है। मुफ्त इंटरनेट सुविधा को बिना पैसा दिए दिन में कितनी ही बार इस्तेमाल किया जा सकता है।



कैसे करते हैं इस्तेमाल



यूजर्स को अपने फोन से त्रिकारिपुर ग्राम पंचायत की वेबसाइट पर लाॅग इन करना होगा। इसके बाद उनको पासवर्ड भेजा जाएगा जिसके इस्तेमाल से वे मुफ्त इंटरनेट सर्फ कर सकेंगे।



इंडियन एक्सप्रैस में इस बाबत छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मुफ्त इंटरनेट मुहैया करवाने वाले इस प्रोजेक्ट पर कुल 4,17,000 रुपए का खर्चा आया जिसमें से ग्राम पंचायत ने 3 लाख रुपए अपने स्तर पर जुटाए।



यह पहली बार नहीं है कि इरावीपेरूर ग्राम पंचायत चर्चा में आर्इ हो। इस ग्राम पंचायत ने इस साल कर्इ प्रतिष्ठित अवार्ड जीते हैं। इस साल इसे पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए नेशनल अवार्ड से नवाजा गया है।







पंचायत को बायोडायवर्सिटी कन्सर्वेशन के लिए अवार्ड, सेनिटेशन अवार्ड आैर पेन एंड पेल्लिएटिव अवार्ड भी मिल चुका है। ये है देश का पहला 'हार्इ टेक' गांव जहां मिल रहा है मुफ्त इंटरनेट



मुफ्त इंटरनेट मुहैया करवाने वाले इस प्रोजेक्ट पर कुल 4,17,000 रुपए का खर्चा आया जिसमें से ग्राम पंचायत ने 3 लाख रुपए अपने स्तर पर जुटाए।



यह ग्राम पंचायत 'आएसआे सर्टिफाइड' है आैर यहां पर हरियाली बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों को देखते हुए इसे हाॅट्रिकल्चल डिपार्टमेंट की आेर से माॅडल हार्इ टेक ग्रीन विलेज के तौर पर चुना गया है।











कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें