सांसद ने की विकास योजनाओं की समीक्षा
भारत सरकार के धन का दुरूपयोग होने पर कडी कार्यवाही- चैधरी
बाडमेर, 7 अक्टूबर। बाडमेर-जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी ने केन्द्र सरकार द्वारा वित पोषित योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन एवं प्रभावी माॅनिटरिंग के निर्देश दिए है ताकि भारत सरकार के धन का सदुपयोग हो सकें। वह बुधवार को इन योजनाओं की निगरानी समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर सांसद चैधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जन हित में संचालित इन योजनाओं की सार्थकता इसी बात में निहित है कि उनका वास्तविक लाभ उन व्यक्तियों तक पहुंचाया जाए जिनके लिए वे योजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जन हित एवं जन सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाओं द्वारा सरकारी वित्त का प्रावधान किया जाता है ऐसे में जिले के जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी आपसी समन्वय के साथ लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप बेहतर कार्य को अंजाम दें। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के न खारूगा व न खाने दुंगा की तर्ज पर वे सरकारी धन का दुरूपयोग पाए जाने पर कडी कार्यवाही करेंगे।
सांसद चैधरी ने स्वास्थ्य तथा विद्युत विभाग के अधिकारियों से अपने दायित्वों के प्रति गम्भीरता बरत कर अपने कार्यो में जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होने अधिकारियों से जिले में बिजली तथा चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होने व्यवस्थाओं में सुधार करने तथा इसमें संवेदनशीलता का रूप देने के निर्देश दिए।
इस मौके पर सांसद ने बताया कि पूर्व में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन तथा राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नाम से दो अलग-अलग योजनाएं संचालित की जाती थी लेकिन वर्तमान में दोनों को मिलाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नाम से व्यापक योजना प्रारम्भ की गई है जिसके तहत जिले में चिकित्सा की मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होने जिले के दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा संस्थाओं के सुदृढीकरण के साथ चिकित्सा कर्मीयों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की हिदायत दी। साथ ही मूलभूत चिकित्सा सेवाएं तथा आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को चाक चैबन्द रखने को कहा।
इस मौके पर कर्नल चैधरी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभी कार्य तथा प्रस्ताव एवं बजट की स्वीकृति उनकी अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति से अनुमोदित करवाने के निर्देश दिए। उन्होने चिकित्सा विभाग में एन.एच.एम. तथा अन्य योजनाओं में स्वीकृत सभी पदों को भरने के लिए सतत कार्यवाही जारी रखने को कहा। सांसद ने जिले में गिरते लिंगानुपात के मद्दे नजर जनप्रतिनिधियों के सहयोग से भ्रूण के लिंग जांच रोकने तथा सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी।
कर्नल चैधरी ने कहा कि जिले में पंचायती राज संस्थाओं के गठन के पश्चात् ब्लाॅकों की संख्या 8 से बढकर 17 हो गई है इसलिए सभी विभागों यथा शिक्षा, चिकित्सा, विद्युत, महिला व बाल विकास आदि में नये ब्लाॅकों के पद तथा कार्यालय जल्दी खोले जाए ताकि लोगों का इनसे संबंधित कार्यो के लिए भटकना नहीं पडें। बैठक में योजना के तहत जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, नवजात शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि विभिन्न घटकों की उपलब्धियों तथा व्यय पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर सांसद ने सभी को बिजली देने से संबंघित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना व शहरी योजना की भी विस्तृत समीक्षा की।
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उन्होने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी कार्यक्रम, इन्दिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, समेकित वाटरशेड प्रबन्धन कार्यक्रम सहित भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रगति की संबंधित अधिकारियों से विस्तार पूर्वक समीक्षा की। उन्होने स्वच्छ भारत मिशन अभियान को अहम मुद्दा बताते हुए जन प्रतिनिधियों से व्यापक प्रचार प्रसार एवं सक्रिय सहयोग करने को कहा। उन्होने सख्त हिदायत दी कि योजनाओं के कियान्वयन में किसी भी स्तर पर अनियमितता अथवा भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर उसे गम्भीरता से लिया जाकर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
बैठक में जन प्रतिनिधियों ने जनता जल योजना के कनेक्शन पुनः जोडने, क्षतिग्रस्त सडकों की मरम्मत कराने, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत स्वीकृत पेंशन का भुगतान समय पर कराने आदि की मांग रखी।
बैठक में विधायक लाधुराम विश्नोई, जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, जिले के प्रधान, नगर परिषद सभापति रतन खत्री ने योजनाओं के बारे में फीड बैक दिया। इससे पूर्व जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरडा, मुख्य अभियन्ता डिस्काॅम प्रेमजीत धोबी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस.के.एस. बिस्ट समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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