मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

जोधपुर ग्रीस जैसे लग रहे मावे के 6 पीपे जब्त



जोधपुर ग्रीस जैसे लग रहे मावे के 6 पीपे जब्त

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चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक कार्यालय के जोनल खाद्य सुरक्षा अधिकारी यानी फूड इंस्पेक्टर विष्णुकांत गौतम ने मंगलवार को लोहावट से जोधपुर बिकने के लिए आए मावे के छह पीपे जब्त कर लिए।

प्राथमिक तौर पर मावा ग्रीस जैसा लग रहा था। विभाग ने मावे का नमूना लेकर जांच के लिए जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला भिजवा दिया है।

विभाग को सूचना मिली थी कि लोहावट के खेतों में तैयार मावा हर रोज बिकने के लिए जोधपुर आता है और यह कृषि मण्डी पर उतारा जाता है। गौतम अपनी टीम को लेकर सुबह 11 बजे कृषि मण्डी चौराहे पर पहुंच गए, जहां निजी बस से मावे के छह पीपे उतारे गए।

मावा उतरते ही टीम ने दबिश देकर मावे की जांच की। प्राथमिक जांच में मावा खराब लग रहा था। इस मावे की सप्लाई ढलादास कर रहा था, जिसकी सिवांची गेट पर अपनी दुकान है। फूड इंस्पेटर ने एक पीपे से मावे के नमूने लेकर शेष पीपों को सीज कर दिया।




मिल्क पाउडर व तेल से बन रहा मावा

त्योहारी सीजन नजदीक आने के साथ ही मिठाइयों की बढ़ती मांग के मद्देनजर जोधपुर में मावे की आवक तेज हो जाती है। शहर में सबसे अधिक बीकानेरी मावा आता है। इसी का फायदा उठाकर मिलावटिए अपने मावे पर बीकानेर का मार्क लगाकर बेचते हैं।

सूत्रों के मुताबिक लोहावट व आसपास के क्षेत्रों में खेत-ढाणियों में मिल्क पाउडर और सस्ते तेल का उपयोग कर मावा बनाया जाता है जो शहर की दुकानों पर बीकानेर का बताकर बेचा जाता है।

टू व्हीलर पर गए कार्यवाही करने

फूड इंस्पेटर गौतम अपने साथ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को टू व्हीलर पर लेकर कार्यवाही करने गए। नियमानुसार चिकित्सा विभाग फूड इंस्पेक्टरों को चार पहिया वाहन उपलब्ध करवाता है। अगर विभाग के पास वाहन नहीं होता है तो उसे किराए पर लिया जाता है ताकि फूड इंस्पेक्टर को कोई रिस्क नहीं हो।

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