बाड़मेर। नरेगा में 50 करोड़ के कोष से होंगे पक्के कार्य
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अधिकतम 20 लाख रूपए की उपलब्ध रहेगी।
बाड़मेर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पक्के एवं स्थायी प्रकृति के कार्य कराने के लिए बजट घोषणा वर्ष 2015-16 के अनुसार 50 करोड़ की राशि का कोष बनाया जाएगा।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि इस संबंध मंे राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस निधि का उपयोग केवल सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतांे मंे महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतांे द्वारा संपादित कराए जाने वाले सामुदायिक परिसंपतियांे के निर्माण कार्याें मंे सामग्री मद मंे 40 प्रतिशत की समीा से अधिक व्यय की पूर्ति के लिए किया जाएगा। उनके मुताबिक सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत चयनित प्रत्येक ग्राम पंचायत को अधिकतम राशि 20 लाख की उपलब्धता रहेगी। यह राशि केवल वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए उपलब्ध होगी। इसके लिए सांसद आदर्श ग्राम पंचायत योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतांे मंे ग्राम पंचायतांे के द्वारा संपादित कराए जाने वाले पक्के एवं स्थायी प्रकृति के सामुदायिक कार्यों का चयन करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि पक्के एवं स्थायी प्रकृति के जो कार्य वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2015-16 मंे सम्मिलित है, उन्हें तुरंत प्रारंभ कराने तथा जो कार्य वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2015-16 मंे सम्मिलित नहीं है, उस कार्याें को शामिल करते हुए पूरक वार्षिक कार्य योजना का अधिनियम के प्रावधानानुसार शीघ्रताशीघ्र अनुमोदन कराने के निर्देश दिए गए है।
कन्वर्जेन्स मंे होंगे कार्यः इस प्रकार के कार्य की एमआईएस एंट्री कन्वर्जेन्स के तहत की जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर सामग्री मद मंे 40 प्रतिशत से अधिक व्यय की पूर्ति इस फंड से की जाएगी एवं इसका इन्द्राज कन्वर्जेन्स के तहत पृथक से किया जाएगा।
जिलेवार राशि आवंटित होगीः राज्य सरकार इस व्यय के लिए जिलेवार राशि आवंटित करेगी। जिला स्तर से उपरोक्त निर्देशांे के साथ पंचायत समितियांे के महात्मा गांधी नरेगा खाते मंे निधि का हस्तांतरण होगा। पंचायत समिति चैक के माध्यम से उक्त व्यय का भुगतान आपूर्तिकर्ता को करेगी। एमआईएस पर कन्वर्जेन्स के रूप मंे इसकी प्रविष्टि की जाएगी।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अधिकतम 20 लाख रूपए की उपलब्ध रहेगी।
बाड़मेर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पक्के एवं स्थायी प्रकृति के कार्य कराने के लिए बजट घोषणा वर्ष 2015-16 के अनुसार 50 करोड़ की राशि का कोष बनाया जाएगा।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि इस संबंध मंे राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस निधि का उपयोग केवल सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतांे मंे महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतांे द्वारा संपादित कराए जाने वाले सामुदायिक परिसंपतियांे के निर्माण कार्याें मंे सामग्री मद मंे 40 प्रतिशत की समीा से अधिक व्यय की पूर्ति के लिए किया जाएगा। उनके मुताबिक सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत चयनित प्रत्येक ग्राम पंचायत को अधिकतम राशि 20 लाख की उपलब्धता रहेगी। यह राशि केवल वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए उपलब्ध होगी। इसके लिए सांसद आदर्श ग्राम पंचायत योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतांे मंे ग्राम पंचायतांे के द्वारा संपादित कराए जाने वाले पक्के एवं स्थायी प्रकृति के सामुदायिक कार्यों का चयन करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि पक्के एवं स्थायी प्रकृति के जो कार्य वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2015-16 मंे सम्मिलित है, उन्हें तुरंत प्रारंभ कराने तथा जो कार्य वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2015-16 मंे सम्मिलित नहीं है, उस कार्याें को शामिल करते हुए पूरक वार्षिक कार्य योजना का अधिनियम के प्रावधानानुसार शीघ्रताशीघ्र अनुमोदन कराने के निर्देश दिए गए है।
कन्वर्जेन्स मंे होंगे कार्यः इस प्रकार के कार्य की एमआईएस एंट्री कन्वर्जेन्स के तहत की जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर सामग्री मद मंे 40 प्रतिशत से अधिक व्यय की पूर्ति इस फंड से की जाएगी एवं इसका इन्द्राज कन्वर्जेन्स के तहत पृथक से किया जाएगा।
जिलेवार राशि आवंटित होगीः राज्य सरकार इस व्यय के लिए जिलेवार राशि आवंटित करेगी। जिला स्तर से उपरोक्त निर्देशांे के साथ पंचायत समितियांे के महात्मा गांधी नरेगा खाते मंे निधि का हस्तांतरण होगा। पंचायत समिति चैक के माध्यम से उक्त व्यय का भुगतान आपूर्तिकर्ता को करेगी। एमआईएस पर कन्वर्जेन्स के रूप मंे इसकी प्रविष्टि की जाएगी।
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