नई दिल्ली।कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज: 1 जनवरी से लागू होंगी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से ही लागू होंगी। वित्त मंत्रालय की ओर से वित्त सचिव रतन वाटल ने विश्वास जताया कि सातवां वेतन आयोग इस मामले में अपनी सिफारिश देते समय राजकोषीय स्थिति को लेकर सरकार की चिंताओं के प्रति सचेत होगा।
गौर हो कि न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले पे कमीशन को केंद्र सरकार के करीब 48 लाख कर्मचारियों तथा 55 लाख पेंशनभोगियों के नए वेतनमान, भत्तों और पेंशन की समीक्षा पर अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2015 तक देनी है।
वित्त सचिव रतन वाटल ने कहा कि हमने वेतन आयोग को दीर्घकालिक सार्वजनिक व्यय के संदर्भ में अपनी चिंता से अवगत कराया है। मुझे भरोसा है कि आयोग के सदस्य और चेयरमैन इससे अवगत हैं और हमारी चिंताओं को लेकर संवेदनशील रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आयोग दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देगा, उसके बाद वित्त मंत्रालय में गठित होने वाला सचिवालय उसकी जांच करेगा। वाटल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी खजाने पर इसका बहुत ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसका अगले वित्त वर्ष पर जरूर प्रभाव पड़ेगा।
जस्टिस ए के माथुर की अध्यक्षता में यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में अगले 18 महीने में अपनी सिफारिशें देने के लिए आयोग का गठन किया था। जिसका कार्यकाल अगस्त 2015 में अगले चार महीने 31 दिसंबर 2015 के लिए बढ़ा दिया गया।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से ही लागू होंगी। वित्त मंत्रालय की ओर से वित्त सचिव रतन वाटल ने विश्वास जताया कि सातवां वेतन आयोग इस मामले में अपनी सिफारिश देते समय राजकोषीय स्थिति को लेकर सरकार की चिंताओं के प्रति सचेत होगा।
गौर हो कि न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले पे कमीशन को केंद्र सरकार के करीब 48 लाख कर्मचारियों तथा 55 लाख पेंशनभोगियों के नए वेतनमान, भत्तों और पेंशन की समीक्षा पर अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2015 तक देनी है।
वित्त सचिव रतन वाटल ने कहा कि हमने वेतन आयोग को दीर्घकालिक सार्वजनिक व्यय के संदर्भ में अपनी चिंता से अवगत कराया है। मुझे भरोसा है कि आयोग के सदस्य और चेयरमैन इससे अवगत हैं और हमारी चिंताओं को लेकर संवेदनशील रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आयोग दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देगा, उसके बाद वित्त मंत्रालय में गठित होने वाला सचिवालय उसकी जांच करेगा। वाटल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी खजाने पर इसका बहुत ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसका अगले वित्त वर्ष पर जरूर प्रभाव पड़ेगा।
जस्टिस ए के माथुर की अध्यक्षता में यूपीए सरकार ने फरवरी 2014 में अगले 18 महीने में अपनी सिफारिशें देने के लिए आयोग का गठन किया था। जिसका कार्यकाल अगस्त 2015 में अगले चार महीने 31 दिसंबर 2015 के लिए बढ़ा दिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें