बुधवार, 9 सितंबर 2015

सोना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन अब होगा सोने पर सुहागा

सोना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन अब होगा सोने पर सुहागा


नई दिल्ली: आपके लॉकर में रखे गहनों को देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इस्तेमाल किया जा सके इसके लिए मोदी सरकार ने सोने से जुड़ी दो योजनाओं को मंजूरी दे दी है. अनुमान है कि ऐसा करीब 20 हजार टन सोना है. गहने किसको अच्छे नहीं लगते लकिन आपके खूबसूसरत सोने के गहनों का ये खजाना अगर लॉकर से बाहर आकर आपका फायदा भी करने लगे तो ये तो सोने पर सुहागा हो जाएगा. सरकार की नई योजना के तहत आप घर में पड़े सोने को निवेश करके ब्याज कमा सकते हैं.








क्या सोना निवेश करके ब्याज कमाने का ये तरीका इतना आसान है?

जो लोग सरकार के पास गहने निवेश करके ब्याज कमाने की बात सोच रहे हैं उन्हें सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि जमा कराने से पहले आपको अपने गहने गलाने होंगे. क्योंकि सरकार सिर्फ ठोस सोना लेगी जैसे सोने के बिस्किट या फिर सिक्के. सोने को अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने और सोने के आयात को कम करने के लिए सरकार ने दो स्कीमों को मंजूरी दे दी है




पहली गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम


और दूसरी गोल्ड बॉन्ड स्कीम



क्या है गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम?

इस स्कीम में घर या बैंक लॉकरों में रखे ठोस सोने जैसे सोने के सिक्के या सोने के बिस्किट को बैंक में जमा करने पर ब्याज मिलेगा. गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में सोने के गहने बैंक में जमा करने पर ब्याज नहीं मिलेगा और ब्याज कितना मिलेगा ये सोने की क्वालिटी के आधार पर ही तय होगा. इस स्कीम के जरिए जुटाए गए सोने का इस्तेमाल सरकार आरबीआई के सोने के भंडार को बढ़ाने और नीलामी में करेगी.




क्या है गोल्ड बॉन्ड स्कीम?

इस स्कीम के तहत सोना खरीदने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सोने के नाम पर आपको एक सर्टिफिकेट मिलेगा . गोल्ड बॉन्ड स्कीम में बॉन्ड खरीदते वक्त सोने की जो कीमत होगी उसी आधार पर ब्याज मिलेगा बॉन्ड 5 ग्राम से 100 ग्राम तक के होंगे और किसी को भी 500 ग्राम से ज्यादा खरीदने की छूट नहीं होगी. लेकिन अगर जरूरत है तो समय से पहले भी पैसे निकालने की छूट मिलेगी.








सबसे बड़ी बात ये कि इस बॉन्ड को आप दूसरों के नाम पर भी ट्रांसफर कर सकते हैं . सिर्फ भारतीय नागरिक ही गोल्ड बॉन्ड को खरीद सकते हैं. ये बॉन्ड बैंक और पोस्ट ऑफिस से खरीद जा सकेंगे. गोल्ड बॉन्ड की अवधि पूरी होने पर आपको सोना नहीं मिलेगा बल्कि ब्याज के साथ सोने की उतनी कीमत नकद मिल जाएगी.



अगर सोने की कीमत गिर जाती है तो सरकार आपको एक विकल्प देगी कि आप तीन साल या फिर उससे ज्यादा वक्त के लिए बॉन्ड आगे बढ़ा दें मतलब उस वक्त ना भुनाएं. बांड की मियाद 5 से सात साल की होगी और इस पर ब्याज सरकार तय करेगी.



हर साल देश में औसतन 1 हजार टन सोने का आयात होता है. सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के जरिए इसे कम करना चाहती है ताकि विदेशी मुद्रा बचाई जा सके. लेकिन इस स्कीम के साथ सोने की घटती बढ़ती कीमतों का रिस्क जुड़ा रहेगा.

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