जैसलमेर। हादसों पर नियंत्रण हो हमारी प्राथमिकता: शर्मा
जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने 28 सितंबर से शुरू होने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर बैठक में दिए निर्देष
जैसलमेर 22 सितम्बर। जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने कहा है सड़क हादसों पर पर नियंत्रण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए समुचित इंतजाम होंगे और आमजन को भी इस बारे में जागरुक होना होगा।
जिला कलक्टर मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में आगामी 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्यपाल की ओर से भी 2015 को सड़क सुरक्षा सप्ताह वर्ष घोषित किया गया है। इसलिए हम सभी को इस दिषा में गंभीर होकर प्रयास करने चाहिए। कलक्टर ने सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर डीटीओ टीकूराम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया और कहा कि जिले में धीमी गति के गैर मोटर चलित वाहनों यथा बैलगाडी, उंटगाडी इत्यादि पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाने व चालान करने के लिए पुलिस विभाग व परिवहन विभाग कदम उठाए। उन्होने कहा कि रिफ्लेक्टर संबंधित अधिकारी जन सहयोग से प्राप्त करेंगे। उन्होंने पुलिस विभाग एवं परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि बिना चालक लाईसेंस अथवा वैद्य चालक लाईसेंस के वाहन चलाने, बिना फिटनेस प्रमाण पत्र, बिना अनुज्ञापत्र प्राप्त कर संचालित वाहनों की चेकिंग की जाकर इनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्हांेने कहा कि ऐसे सभी अपराध जिनके उल्लंघन के परिणामस्वरूप दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है यथा बिना हेलमेट लगाकर, बिना सीट बेल्ट लगाकर, नशे में, तेज गति व खतरनाक तरीके से वाहन को चलाना, वाहन संचालन के समय मोबाईल फोन का प्रयोग करना, ट्रेफिक सिग्नल का उल्लंघन करना आदि की नियमित जांच की जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
उन्होंने समस्त शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के आवागमन हेतु प्रयुक्त होने वाले वाहनों के वाहन स्वामियों/वाहन चालकों तथा उपयोगकर्ता को नियमों का पालन करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक/प्राथमिक) उन्हें आवश्यक जानकारी दें। इसके साथ ही कुछ बडे विद्यालयों में छात्रों को सामूहिक जानकारी देने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक/प्राथमिक) अभियान अवधि की कोई तिथि व समय निश्चित कर जिला परिवहन अधिकारी को सूचित करें। कलक्टर ने निर्देष दिए कि निर्धारित गति सीमा से अधिक गति पर वाहन चलाने, ट्रेफिक सिग्नल का उल्लंघन करने, भार वाहनों में निर्धारित क्षमता से अधिक भार परिवहन करने, भार वाहनों में यात्रियों को यात्रा करवाने, नशे में वाहन चलाने एवं वाहन चलाते समय मोबाईल फोन पर बात करने के अपराधों में संलिप्त पाए गए व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करें तथा जिला परिवहन अधिकारी वाहन चालक का लाईसेंस आवश्यक रूप से कम से कम तीन माह के लिए निलम्बित करें। उन्होंने कहा कि नशे में वाहन चलाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत प्रथम अपराध पर भी न्यायालय में अभियोजन प्रस्तुत कर सजा दिलाने का प्रयास करें।
उन्होंने बताया कि जिले में राष्ट्रीय राज्य मार्गों व शहरी क्षेत्र मार्गों पर गति सीमा का निर्धारण कर दिया गया है। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि अधिसूचना के अनुसार वाहनों की गति सीमाओं के स्पीड लिमिट बोर्ड उचित स्थान पर सुस्पष्ट रूप से लगवाएं ताकि वाहन चालकों को गति सीमा संबंधी जानकारी मिल सके एवं सडक के दोनों किनारों पर उग आई झाडियांे को कटवाया जावे तथा विज्ञापन आदि के नियमों विरूद्ध लगे पोस्टरों को हटाया जावे। जो सडकें टूट गई हैं उनको पेचवर्क करवाया जावे। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि 29 सितंबर को प्रातः 11 बजे अस्पतालों में फस्र्ट एड प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं नेत्र जांच शिविरों का आयोजन करें। इन शिविरों में आवश्यक समस्त व्यवस्थाएं करें। इस शिविर का सामान्य जन एवं वाहन चालक अधिकतम लाभ ले सके इसके लिए आवश्यक प्रचार प्रसार व अन्य कार्यवाही करें।
उन्होने बताया कि 02 अक्टूबर 2015 को ग्राम पंचायत स्तर पर सडक सुरक्षा जन जागृति अभियान का सडक सुरक्षा जागृति दिवस के रूप में आगाज किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा तैयार किया गया सडक सुरक्षा किट जिले के तीनों खण्ड विकास अधिकारियों को जिला परिवहन अधिकारी द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। इन किट्स को ग्राम पंचायतों तक पहुंचाने का दायित्व विकास अधिकारी का होगा। विकास अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्राधिकार की पंचायतों के अधीन आने वाले ग्राम सेवकों की बैठक आयोजित कर किट्स की सामग्री व प्रयोग के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश देंगे। विकास अधिकारी समस्त ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिव सडक सुरक्षा किट्स में उपलब्ध कराए गए पोस्टर्स, फ्लेक्स, स्टीकर्स को कार्यक्रम स्थल पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करवाएंगे तथा ग्राम पंचायत में निवासरत समस्त जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, शिक्षकों, सरकारी कार्मिकों, सैकेन्डरी/सीनियर सैकेन्डरी स्कूली छात्र/छात्राओं को 02 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेंगे ताकि कार्यक्रम सफल हो सके। इस कार्यक्रम की सभी ग्राम पंचायतों पर फोटोग्राफी कराई जावे, जिसमें मुख्य रूप से प्रमुख कार्यक्रम एवं शपथ व प्रतिज्ञा लेते हुए लोग, जिनमें पोस्टर व फ्लेक्स लगे हुए भी दिखें। विकास अधिकारी द्वारा ये फोटो कार्यक्रम के अगले दिन तक एकत्रित कर जिला परिवहन अधिकारी को भिजवाएंगे।
जिला पुलिस अधीक्षक ने भी मापदंडों के अनुसार रोड ब्रेकर बनाने तथा अनाधिकृत स्थानों पर बस रोकने व अन्य अनियमितता बरतने वालों के चालान करने के निर्देष डीटीओ को दिए। बैठक में सीईओ बलदेव सिंह उज्ज्वल, पीएमओ डाॅ बी. एल. वर्मा, सिद्धाराम गेंवा, डाॅ. एन. आर. नायक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, फूसाराम, पी. ई. ओ., हरीश माथुर, ई. ई., पी. डब्ल्यू. डी., जैसलमेर सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने 28 सितंबर से शुरू होने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर बैठक में दिए निर्देष
जैसलमेर 22 सितम्बर। जिला कलक्टर विष्व मोहन शर्मा ने कहा है सड़क हादसों पर पर नियंत्रण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए समुचित इंतजाम होंगे और आमजन को भी इस बारे में जागरुक होना होगा।
जिला कलक्टर मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में आगामी 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्यपाल की ओर से भी 2015 को सड़क सुरक्षा सप्ताह वर्ष घोषित किया गया है। इसलिए हम सभी को इस दिषा में गंभीर होकर प्रयास करने चाहिए। कलक्टर ने सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर डीटीओ टीकूराम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया और कहा कि जिले में धीमी गति के गैर मोटर चलित वाहनों यथा बैलगाडी, उंटगाडी इत्यादि पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाने व चालान करने के लिए पुलिस विभाग व परिवहन विभाग कदम उठाए। उन्होने कहा कि रिफ्लेक्टर संबंधित अधिकारी जन सहयोग से प्राप्त करेंगे। उन्होंने पुलिस विभाग एवं परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि बिना चालक लाईसेंस अथवा वैद्य चालक लाईसेंस के वाहन चलाने, बिना फिटनेस प्रमाण पत्र, बिना अनुज्ञापत्र प्राप्त कर संचालित वाहनों की चेकिंग की जाकर इनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्हांेने कहा कि ऐसे सभी अपराध जिनके उल्लंघन के परिणामस्वरूप दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है यथा बिना हेलमेट लगाकर, बिना सीट बेल्ट लगाकर, नशे में, तेज गति व खतरनाक तरीके से वाहन को चलाना, वाहन संचालन के समय मोबाईल फोन का प्रयोग करना, ट्रेफिक सिग्नल का उल्लंघन करना आदि की नियमित जांच की जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
उन्होंने समस्त शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के आवागमन हेतु प्रयुक्त होने वाले वाहनों के वाहन स्वामियों/वाहन चालकों तथा उपयोगकर्ता को नियमों का पालन करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक/प्राथमिक) उन्हें आवश्यक जानकारी दें। इसके साथ ही कुछ बडे विद्यालयों में छात्रों को सामूहिक जानकारी देने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक/प्राथमिक) अभियान अवधि की कोई तिथि व समय निश्चित कर जिला परिवहन अधिकारी को सूचित करें। कलक्टर ने निर्देष दिए कि निर्धारित गति सीमा से अधिक गति पर वाहन चलाने, ट्रेफिक सिग्नल का उल्लंघन करने, भार वाहनों में निर्धारित क्षमता से अधिक भार परिवहन करने, भार वाहनों में यात्रियों को यात्रा करवाने, नशे में वाहन चलाने एवं वाहन चलाते समय मोबाईल फोन पर बात करने के अपराधों में संलिप्त पाए गए व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करें तथा जिला परिवहन अधिकारी वाहन चालक का लाईसेंस आवश्यक रूप से कम से कम तीन माह के लिए निलम्बित करें। उन्होंने कहा कि नशे में वाहन चलाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत प्रथम अपराध पर भी न्यायालय में अभियोजन प्रस्तुत कर सजा दिलाने का प्रयास करें।
उन्होंने बताया कि जिले में राष्ट्रीय राज्य मार्गों व शहरी क्षेत्र मार्गों पर गति सीमा का निर्धारण कर दिया गया है। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि अधिसूचना के अनुसार वाहनों की गति सीमाओं के स्पीड लिमिट बोर्ड उचित स्थान पर सुस्पष्ट रूप से लगवाएं ताकि वाहन चालकों को गति सीमा संबंधी जानकारी मिल सके एवं सडक के दोनों किनारों पर उग आई झाडियांे को कटवाया जावे तथा विज्ञापन आदि के नियमों विरूद्ध लगे पोस्टरों को हटाया जावे। जो सडकें टूट गई हैं उनको पेचवर्क करवाया जावे। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि 29 सितंबर को प्रातः 11 बजे अस्पतालों में फस्र्ट एड प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं नेत्र जांच शिविरों का आयोजन करें। इन शिविरों में आवश्यक समस्त व्यवस्थाएं करें। इस शिविर का सामान्य जन एवं वाहन चालक अधिकतम लाभ ले सके इसके लिए आवश्यक प्रचार प्रसार व अन्य कार्यवाही करें।
उन्होने बताया कि 02 अक्टूबर 2015 को ग्राम पंचायत स्तर पर सडक सुरक्षा जन जागृति अभियान का सडक सुरक्षा जागृति दिवस के रूप में आगाज किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा तैयार किया गया सडक सुरक्षा किट जिले के तीनों खण्ड विकास अधिकारियों को जिला परिवहन अधिकारी द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। इन किट्स को ग्राम पंचायतों तक पहुंचाने का दायित्व विकास अधिकारी का होगा। विकास अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्राधिकार की पंचायतों के अधीन आने वाले ग्राम सेवकों की बैठक आयोजित कर किट्स की सामग्री व प्रयोग के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश देंगे। विकास अधिकारी समस्त ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिव सडक सुरक्षा किट्स में उपलब्ध कराए गए पोस्टर्स, फ्लेक्स, स्टीकर्स को कार्यक्रम स्थल पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करवाएंगे तथा ग्राम पंचायत में निवासरत समस्त जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, शिक्षकों, सरकारी कार्मिकों, सैकेन्डरी/सीनियर सैकेन्डरी स्कूली छात्र/छात्राओं को 02 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेंगे ताकि कार्यक्रम सफल हो सके। इस कार्यक्रम की सभी ग्राम पंचायतों पर फोटोग्राफी कराई जावे, जिसमें मुख्य रूप से प्रमुख कार्यक्रम एवं शपथ व प्रतिज्ञा लेते हुए लोग, जिनमें पोस्टर व फ्लेक्स लगे हुए भी दिखें। विकास अधिकारी द्वारा ये फोटो कार्यक्रम के अगले दिन तक एकत्रित कर जिला परिवहन अधिकारी को भिजवाएंगे।
जिला पुलिस अधीक्षक ने भी मापदंडों के अनुसार रोड ब्रेकर बनाने तथा अनाधिकृत स्थानों पर बस रोकने व अन्य अनियमितता बरतने वालों के चालान करने के निर्देष डीटीओ को दिए। बैठक में सीईओ बलदेव सिंह उज्ज्वल, पीएमओ डाॅ बी. एल. वर्मा, सिद्धाराम गेंवा, डाॅ. एन. आर. नायक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, फूसाराम, पी. ई. ओ., हरीश माथुर, ई. ई., पी. डब्ल्यू. डी., जैसलमेर सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
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