बाड़मेर। मासक्षमण तपस्वी कुमारी रक्षा का पारणा आज
बाड़मेर 22 सितम्बर। पर्वधिराज पर्यूशण पर्व पर प्रारम्भ हुई तपस्याओं का दौर अब भी जारी है। एक मास से अधिक के उपवास के बाद बुधवार को कुमारी रक्षा संखलेचा का पारणा (आहार लेना) होगा। कपिल मालू ने बताया कि 24 अगस्त को साध्वी तीर्थगुणाश्री म.सा. एवं साध्वी सुलक्षणाश्री म.सा. की पावन प्रेरणा से कुमारी रक्षा संखलेचा ने 30 उपवास (मासक्षमण) की तपस्या प्रारम्भ की थी और 23 सितम्बर को पारणा होगा। मालू ने बताया कि तपस्या की अनुमोदनार्थ साधना भवन से साध्वीवृद्धो की निश्रा में श्री संघ की परिपाटी के बाद
बाड़मेर 22 सितम्बर। पर्वधिराज पर्यूशण पर्व पर प्रारम्भ हुई तपस्याओं का दौर अब भी जारी है। एक मास से अधिक के उपवास के बाद बुधवार को कुमारी रक्षा संखलेचा का पारणा (आहार लेना) होगा। कपिल मालू ने बताया कि 24 अगस्त को साध्वी तीर्थगुणाश्री म.सा. एवं साध्वी सुलक्षणाश्री म.सा. की पावन प्रेरणा से कुमारी रक्षा संखलेचा ने 30 उपवास (मासक्षमण) की तपस्या प्रारम्भ की थी और 23 सितम्बर को पारणा होगा। मालू ने बताया कि तपस्या की अनुमोदनार्थ साधना भवन से साध्वीवृद्धो की निश्रा में श्री संघ की परिपाटी के बाद
विद्यापीठ मन्दिर होते हुए मासक्षमण तपस्वी रक्षा संखलेचा के निवास स्थल पर पहुंचेगा जहां उनकी परिवार की ओर से साध्वीवर्याओं व श्री संघ को वधाकर लिया जायेगा। मालू ने बताया कि उसके बाद पारणे की विधी का प्रारम्भ होगा विधि विधान के बाद रक्षा का आहार पाणी दिया जायेगा। इस अवसर पर साध्वी तीर्थगुणाश्री म.सा ने कहा कि आधुनिकता के इस युग में युवाओं का धर्म प्रति लगाव बढ रहा है जिसका नतीजा बाड़मेर की धरा पर 18 वर्श की अल्प आयु में मासक्षमण जैसी भारी तपस्याओं का ठाठ रहा। उन्होने कहा कि बाड़मेर में इस बाद दो मासक्षमण की तपस्या हुई दोनो तपस्याएं युवा वर्ग ने की है। इसी कडी में साध्वी सुलक्षणाश्री ने कहा कि युवा आज के समाज सुधार की धुरी है। उन्होने कहा कि युवाओं का धर्म के प्रति लगाव ही समाज को उत्थान की ओर स ेले जायेगा।
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