बाड़मेर आधुनिक नारी कैसे निभायें परिवार की जिम्मेदारी;साध्वी संघप्रभाजी
आचार्य महाश्रमण की सुषिष्या साध्वी संघप्रभाजी के सानिध्य में भिक्षुकंुज में ‘6आधुनिक नारी कैसे निभायें परिवार की जिम्मेवारी’’ विषय क साथ महिला मण्डल की बहिनों का एक दिवसीय षिवीर रखा गया। षिविर का प्रारम्भ मण्डल की बहिनों ने ‘‘जागों बहिनों नव प्रभात यह जागृति का सन्देष’’ इस मंगलाचरण से प्रारम्भ किया। लीला जैन ने अपने विचार रखे। साध्वी संघप्रभा ने अपने मार्मिक विचारांे में कहाः आज की आधुनिक नारी ने अपने पैर पसारने के साथ परिवार की जिम्मेवारी को भूलती जा रही है। नारी शब्द का अर्थ है जिसका कोई शत्रु नही है वह नारी होती है। जहा नारीयों की पूजा होती है वह परिवार स्वर्ग बन जाता है। साध्वी अखिल यषा ने अपने प्रभावी विचारो को प्रस्तुत करते हुए कहाः महिला पृथ्वी की तरह सबकों संस्कारों का आश्रय देती है जिससे वह परिवार संस्कारों से सुसज्जित व सुषील बनता है। साध्वी प्रांषु प्रभा ने कहाः विष्व में नारी का स्थान प्रमुख होता है। डाॅ. ललिता जैन ने अपने उच्चे विचार रखते हुए कहा महिलाए आपने आदर्ष को न भूलें, धन की देवी, शक्ति की देवी, अन्न की देवी, विद्या की देवी महिला ही है, नवरात्रियों में भी देवीयों की ही पूजा होती है देवों की नहीं। इसलिए महिलाओं को अपना आदर्ष कायम रखना चाहिए। इस षिविर में लगभग 80 बहिने उपस्थित थी। मध्याह्न में एडवोकेट मुकेषजी का भी विषिष्ट प्रषिक्षण हुआ। साध्वी मृदुप्रभा ने ध्यान, योगा के छोटे-छोटे प्रयोग कराये और सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों में समाज के संरक्षक वकील मीठालाल चैपड़ा अध्यक्ष रतनलाल गोलेच्छा, उपाध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष गौतम बोथरा, राणामल छाजेड़, मेवाराम वडेरा, तेरापंथ महिला मण्डल की अध्यक्ष उषा सालेचा, मन्त्री ज्योती सिघंवी, कोषाध्यक्ष कलावती देवी गोलेच्छा, आषादेवी गोलेच्छा, मन्जूदेवी चोपड़ा सैकडांे़ की तादाद में जैन धर्मावलम्बी उपस्थित थे।
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