गुरुवार, 6 अगस्त 2015

जयपुर।राजस्थानः एनएचएम के 351 पदों पर भर्ती पर छिड़ा विवाद



जयपुर।राजस्थानः एनएचएम के 351 पदों पर भर्ती पर छिड़ा विवाद

चिकित्सा विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत निकाली गई 351 पदों की भर्ती के आवेदनों की छंटनी पर विवाद खड़ा हो गया है। आवेदकों ने चहेतों और रिश्तेदारों की नौकरी पक्की करने के लिए सैकड़ों योग्य आवेदकों को भी साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाने का आरोप लगाया है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि राजपत्रित अधिकारी से सत्यापित दस्तावेज लगे आवेदनों को यह कहकर कर दिया गया कि स्व सत्यापित दस्तावेज ही चलेगा। शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले कई अभ्यर्थी भी भर्ती से बाहर हो गए हैं।

राज्य और जिलास्तरीय अधिकारियों के 351 पदों की इस भर्ती के लिए मंगलवार से साक्षात्कार शुरू हुए हैं। साक्षात्कार के लिए योग्य अयर्थियों की सूची जारी होने के बाद मंगलवार को बड़ी संया में पीडि़त अयर्थियों ने स्वास्थ्य भवन पहुंच कर आक्रोश जताया।



बैक डोर एंट्री के लिए बनाए नए नियम : सूत्रों के अनुसार आईईसी समन्वयक पद पर 300 से अधिक आवेदन आए थे। इनमें से मात्र 43 आवेदकों को ही साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। अभ्यर्थी महेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि उसने सारी योग्यताएं पूरी की लेकिन उसे आवेदन निरस्त करने का कारण नहीं बताया जा रहा।

जिला आईईसी समन्वयक पद के आवेदक मनीष शुक्ला ने कहा कि रिश्तेदारों और नजदीकियों को भर्ती करने के लिए नए-नए नियम बनाए गए हैं। इसी तरह अभ्यर्थियों से आवेदन के समय ही पुराने कार्यस्थल का अनापत्ति प्रमाण पत्र मांग लिया गया।



इन पदों पर होनी है भर्ती : सलाहकार, समन्वयक, प्रबंधक, सामाजिक कार्यकर्ता सहित लोक प्रबंधक, जिला आईईसी समन्वयक, जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक, हैल्थ मैनेजर, स्टेट को-ऑर्डिनेटर, जिला को-ऑर्डिनेटर सहित 26 पदों के लिए यह भर्ती निकाली गई थी।

बचते रहे अफसर : इस बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक नवीन जैन से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण गुप्ता ने भी फोन नहीं उठाया।

विभाग में हड़कंप : इधर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की परिवेदनाएं पहुंचने के बाद विभाग में हडकंप मचा हुआ है। मिशन ने अकाउंट्स मैनेजर के पदों के लिए बुधवार को होने वाले साक्षात्कार अपरिहार्य कारण बताते हुए स्थगित कर दिए हैं। हालांकि अन्य पदों पर अभी भी सैंकड़ों पीड़ित अभ्यर्थी न्याय होने का इंतजार कर रहे हैं।

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