सोमवार, 22 जून 2015

अलवर.पुल निर्माण में भ्रष्टाचार, दो अफसरों को जेल भेजा



अलवर.पुल निर्माण में भ्रष्टाचार, दो अफसरों को जेल भेजा


शहर के तिजारा फाटक ओवरब्रिज निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपित प्रोजेक्ट मैनेजर व लेखाधिकारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोर्ट ने सोमवार को जेल भेज दिया। जबकि दो आरोपित ठेकेदार पेश नहीं हुए। मामले में एसीबी अलवर ने 4 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। दोनों अधिकारियों ने कोर्ट से जमानत भी मांगी, लेकिन यह अस्वीकार कर दी गई।

भष्टाचार निरोधक ब्यूरो अलवर के सहायक निदेशक (अभियोजन) कमल कुमार शर्मा ने बताया कि तिजारा फाटक ओवरब्रिज निर्माण कार्य में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सुकेश माथुर को प्रोजेक्ट मैनेजर लगाया था। जबकि अनिल कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर व भारत स्पैन साइट एण्ड कंस्ट्रशन कम्पनी को कार्य का ठेका मिला था।

अप्रेल 2011 में एसीबी को सूचना मिली कि पुल निर्माण में घटिया सामग्री काम आ रही है तथा ठेकेदारों को दोगुना भुगतान किया जा रहा है। एसीबी ने जांच की तो पता चला कि करीब 66 लाख 10 हजार रुपए की गड़बड़ी कर राजकोष को नुकसान पहुंचाया गया है। एसीबी ने मामले में प्रोजेक्ट मैनेजर, सुकेश माथुर, लेखाधिकारी संतलाल, अनिल कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर के मालिक अनिल सिंह व भारत स्पैन साइट एण्ड कंस्ट्रशन कम्पनी के मालिक दिनेश गुप्ता को दोषी माना। संतलाल रिटायर हो चुका है।

चारों के खिलाफ एसीबी ने सोमवार को अलवर एसीबी कोर्ट में चार्जशीट दायर की। सुनवाई के दौरान प्रोजेक्ट मैनेजर सुकेश माथुर व लेखाधिकारी संतलाल भी पेश हुए और अग्रिम जमानत की याचिका लगाई। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दोनों को 4 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया। मामले के दो अन्य आरोपित ठेकेदार अनिल व दिनेश कोर्ट नहीं पहुंचे। एसीबी ने दोनों को फरार बताया है।

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