मंगलवार, 23 जून 2015

बेटी के दाह संस्कार से पिता का इनकार, सहेली ने दी अंतिम विदाई

बेटी के दाह संस्कार से पिता का इनकार, सहेली ने दी अंतिम विदाई

बिलासपुर सामाजिक बहिष्कार के डर से अनुसूचित जाति के युवक से संबंध रखने तथा संदिग्ध परिस्थितियों में मृत बेटी का शव लेने से पिता व परिजनों के इंकार के बाद मृतक की सहेली सामने आई और उसने सोमवार को विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार कर विदाई दी।

बिलासपुर के कोनी थाना क्षेत्र के सेंवार गांव की चांदनी कौशिक का शव 20 जून को गतौरी गांव में उसके प्रेमी जीतेन्द्र सोनवानी के घर के पास पेड़ पर लटकता मिला था। मृतिका एक दिन पहले ही वहां जीतेन्द्र को ढूंढते आई थी जहां उसे पता चला कि दो दिन पहले ही उसकी शादी हो चुकी है।

प्रेमी के पिता ने उसे आश्वासन दे घर में ही रात रोक लिया था। मृतिका की सहेली प्रभा पोर्ते का कहना है कि चांदनी ने आत्महत्या नहीं की है जैसा बताया जा रहा है बल्कि उसकी हत्या की गई है। उसे आत्महत्या करना होती वह बिलासपुर के अशोक नगर के घर में करती जहां वह अकेले रहती थी।

नगर पुलिस अधीक्षक हरीश यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मृतिका के पास से वन विभाग में बेलगना में पदस्थ फारेस्टगार्ड जीतेन्द्र सोनवानी का पत्र मिला है जो दोनों के बीच के संबंध प्रमाणित करता है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि पिता के इंकार के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव रविवार को उसकी सहेली को सौंप दिया गया था जो यहां एक अस्पताल में नर्स के पद पर कार्यरत है।

मृतिका की सहेली का कहना है कि वर्ष 2011 में वे तीनों यानी चांदनी, वह और जीतेन्द्र आईटीआई में पढ़ते थे, तभी से दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। चांदनी के पिता को कुछ दिन पूर्व इस संबंध के बारे में जानकारी मिली थी। बेटी की जिद्द के बाद उन्होंने उससे संबंध तोड़ लिए थे।

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