जयपुर|पीडब्ल्यूडी की आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड रोड कॉन्ट्रेक्ट योजना खटाई में
जयपुर| पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारों के रुचि नहीं लेने से कई प्रोजेक्ट्स या तो लेट होते जा रहे है या फिर शुरु ही नहीं हो पा रहे हैं| लिहाजा एक जिले की सारी सड़कों को चमाचम रखने की विभाग की आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड रोड कॉन्ट्रेक्ट जैसी अहम योजना भी खटाई में पड़ती नज़र आ रही है|
राज्य सरकार ने ओपीआरसी के तहत पायलट प्रोजेक्ट पर अलवर और धौलपुर जिलों का चयन किया था| योजना के तहत दोनों जिलों में नेशनल हाइवे से लेकर ग्रामीण सड़कों की रख रखाव की जिम्मेदारी 8 साल तक एक ही ठेकेदार को देनी थी, लेकिन विभाग के दो बार टेंडर निकालने के बावजूद एक भी ठेकेदार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई|
दरअसल इन जिलों में 90 प्रतिशत सड़के गांवों में हैं| ऐसे में हर वक्त उन्हें चमाचम रखने के लिए काफी संसाधनों और बजट की जरुरत पड़ती है| लिहाजा ठेकेदारों ने नुकसान को देखते हुए इसमे इंट्रेस्ट नहीं लिया| पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर राज्य सरकार ने इस कॉन्सेप्ट को लागू करने की योजना बनाई थी| सीएम वसुंधरा राजे के निर्देश पर विभाग ने गाइडलाउन भी जल्द तैयार कर ली...लेकिन ठेकेदारों के हाथ खड़ा करने से विभाग की परियोजना बंद होने के कगार पर है| पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनूस खान ने भी इस चिंता जाहिर करते हुए अब नए सिरे से कोई फैसला करने की बात कही है| खान ने बताया कि इसके लिए कुछ प्राइवेट ग्रुप्स से बात की जा रही है|
जयपुर| पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारों के रुचि नहीं लेने से कई प्रोजेक्ट्स या तो लेट होते जा रहे है या फिर शुरु ही नहीं हो पा रहे हैं| लिहाजा एक जिले की सारी सड़कों को चमाचम रखने की विभाग की आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड रोड कॉन्ट्रेक्ट जैसी अहम योजना भी खटाई में पड़ती नज़र आ रही है|
राज्य सरकार ने ओपीआरसी के तहत पायलट प्रोजेक्ट पर अलवर और धौलपुर जिलों का चयन किया था| योजना के तहत दोनों जिलों में नेशनल हाइवे से लेकर ग्रामीण सड़कों की रख रखाव की जिम्मेदारी 8 साल तक एक ही ठेकेदार को देनी थी, लेकिन विभाग के दो बार टेंडर निकालने के बावजूद एक भी ठेकेदार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई|
दरअसल इन जिलों में 90 प्रतिशत सड़के गांवों में हैं| ऐसे में हर वक्त उन्हें चमाचम रखने के लिए काफी संसाधनों और बजट की जरुरत पड़ती है| लिहाजा ठेकेदारों ने नुकसान को देखते हुए इसमे इंट्रेस्ट नहीं लिया| पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर राज्य सरकार ने इस कॉन्सेप्ट को लागू करने की योजना बनाई थी| सीएम वसुंधरा राजे के निर्देश पर विभाग ने गाइडलाउन भी जल्द तैयार कर ली...लेकिन ठेकेदारों के हाथ खड़ा करने से विभाग की परियोजना बंद होने के कगार पर है| पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनूस खान ने भी इस चिंता जाहिर करते हुए अब नए सिरे से कोई फैसला करने की बात कही है| खान ने बताया कि इसके लिए कुछ प्राइवेट ग्रुप्स से बात की जा रही है|
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