बुधवार, 24 जून 2015

विधवा चनणी को अपने पति की कृषि भूमि में हक मिला

विधवा चनणी को अपने पति की कृषि भूमि में हक मिला
बाड़मेर। ग्राम पंचायत सनावड़ा के अन्तर्गत फूसाणियों का तला की रहने वाली चनणी पत्नी थानाराम जाति जाट को अपने पति थानाराम के स्वर्गवास के पश्चात अपने पति की कृषि भूमि में अपना हक प्राप्त करने के लिए 26 वर्ष की लम्बी अवधि तक संघर्ष करना पड़ा। चनणी द्वारा उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर के न्यायालय में अपने पति की कृषि भूमि में हक प्राप्त करने हेतु धारा 75 राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम के तहत एक राजस्व अपील भी पेश कर रखी थी। परन्तु उक्त प्रकरण में दोनों ही पक्षों के वकीलगण द्वारा आगे से आगे तारीख पेशिये ली जाकर उक्त प्रकरण को भी बिना वजह लम्बित किया जारहा था।
आम जनता को राहत देने हेतु राज्य सरकार के राजस्व लोक अदालत के तहत ग्राम पंचायत मुख्यालय सनावड़ा पर आयोजित शिविर में उक्त विधवा महिला चनणी शिविर पीठासीन अधिकारी एच. आर. मेहरा उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर के समक्ष उपस्थित हुई एवं अपने पति की कृषि भूमि में अपना हक प्राप्त करने हेतु अपनी समस्त आप बीती बताई।
एच. आर. मेहरा उपखण्ड अधिकारी बाड़मेर द्वारा उक्त प्रकरण में न्यायालय की पत्रावली का अवलोकन किया गया। वर्तमान में उक्त भूमि में चनणी के एक मात्र पुत्र बांका की पत्नी इमियो का ही नाम दर्ज है। प्रकरण के पक्षकार इमियो एवं सरपंच ग्राम पंचायत सनावड़ा व जाखड़ो की ढाणी को सुना गया। दोनों पक्षों की बाद सुनवाई चनणी को अपने पति की कृषि भूमि में उसका जायज हक देने का आदेश पारित किया गया। अपनी पुत्र वधु इमियों के साथ चनणी का नाम भी कूषि भूमि में दर्ज किया जाकर मौके पर नामान्तरण भी पारित किया गया।
विधवा चनणी का लम्बे अंतराल व संघर्ष के पश्चात उसके घर बैठे ही अपना जायज हक मिलकर उसे त्वरित न्याय मिल गया। चनणी ने राजस्व प्रशासन का बहुत ही आभार जताकर राहत महसूस की है। उक्त राजस्व अदालत में मौके पर ही कई पुराने राजस्व प्रकरणों का निस्तारण किया जाकर आमजन को राहत पहुंचाई गई।

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