जयपुर। फ्लिपकार्ट की कोरियर कम्पनी में होती थी धोखाधड़ी
जयपुर। राजधानी की सोडाला थाना पुलिस ने ओनलाइन सामान मंगवाकर, उसमें से सामान पार कर ठगी कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही युवक शातिर बदमाश है।
गिरफ्तार युवकों से करीब एक लाख की नकदी और एक दर्जन महंगे मोबाइल व कई अन्य सामान बरामद किये हैं। जो पैकेट की सील तोड़ पार किया गया था। पुलिस थाने में फ्लिपकार्ट कंपनी के डीलर अशोक कुमार ने एक मामला दर्ज करवाया था।
अशोक कुमार के अनुसार उसकी कंपनी के कुरियर पैकेट में से पिछले कई दिनों से सामान गायब होने की घटनाएँ सामने आ रही थी। उसे कंपनी के ही कुछ लोगों पर शक हुआ। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और तहकीकात में शक की शुई कंपनी के ही कुरियर सप्लाई करने वाले कर्मचारी पर रुकी। उससे पूछताछ की तो मामला साफ़ हुआ।
पुलिस की जानकारी के मुताबिक़ आरोपी योगेश उर्फ़ राजेश यादव इस गिरोह का मास्टर माइंड है। फर्जी ई मेल आईडी बनाने का काम भी राजेश ही किया करता था। वहीं दिनेश मीणा इस पूरे सामान की डिलेवरी देने का काम करता था। वे कंपनी को ग्राहक का एड्रेस नहीं मिलने का बहाना बनाते और बीच में ही सामान पार कर पैकेट वापस बंद कर कंपनी को भेज देते। इस तरह अभी तक इन लोगों ने करीब 20 लाख की धोखाधड़ी की वारदात कबूली है। लेकिन इस गिरोह के तार दिल्ली, मुंबई जैसे और शहरों की अन्य कम्पनियों से जुड़े हैं। पुलिस इस गिरोह के और भी साथियों की जानकारी जुटा रही है।
गिरफ्तार युवकों से करीब एक लाख की नकदी और एक दर्जन महंगे मोबाइल व कई अन्य सामान बरामद किये हैं। जो पैकेट की सील तोड़ पार किया गया था। पुलिस थाने में फ्लिपकार्ट कंपनी के डीलर अशोक कुमार ने एक मामला दर्ज करवाया था।
अशोक कुमार के अनुसार उसकी कंपनी के कुरियर पैकेट में से पिछले कई दिनों से सामान गायब होने की घटनाएँ सामने आ रही थी। उसे कंपनी के ही कुछ लोगों पर शक हुआ। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और तहकीकात में शक की शुई कंपनी के ही कुरियर सप्लाई करने वाले कर्मचारी पर रुकी। उससे पूछताछ की तो मामला साफ़ हुआ।
पुलिस की जानकारी के मुताबिक़ आरोपी योगेश उर्फ़ राजेश यादव इस गिरोह का मास्टर माइंड है। फर्जी ई मेल आईडी बनाने का काम भी राजेश ही किया करता था। वहीं दिनेश मीणा इस पूरे सामान की डिलेवरी देने का काम करता था। वे कंपनी को ग्राहक का एड्रेस नहीं मिलने का बहाना बनाते और बीच में ही सामान पार कर पैकेट वापस बंद कर कंपनी को भेज देते। इस तरह अभी तक इन लोगों ने करीब 20 लाख की धोखाधड़ी की वारदात कबूली है। लेकिन इस गिरोह के तार दिल्ली, मुंबई जैसे और शहरों की अन्य कम्पनियों से जुड़े हैं। पुलिस इस गिरोह के और भी साथियों की जानकारी जुटा रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें