मंगलवार, 23 जून 2015

वसुंधरा के बेटे के साथ ललित मोदी की बिज़नेस डील में नया पेंच



नई दिल्ली: बीजेपी के शीर्ष नेताओं में से एक नितिन गडकरी ने सोमवार को राजस्थान की मुख़्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ हुई मुलाक़ात के बाद कहा था कि, ‘वसुंधरा राजे पूर्व आईपीएल चीफ़ ललित मोदी के साथ किसी भी तरह की ग़ैरकानूनी और अनैतिक अपराध में लिप्त नहीं है।’
वसुंधरा के बेटे के साथ ललित मोदी की बिज़नेस डील में नया पेंच


लेकिन एनडीटीवी के हाथ ऐसे दस्तावेज़ लगे हैं जिसमें वसुंधरा के बेटे दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के बीच हुए व्यापारिक समझौतों पर सवाल खड़े होते हैं।




कागज़ातों में पेंच

कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री में जमा किए दस्तावेज़ों में दुष्यंत सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी ने ललित मोदी को 815 शेयर बेचे हैं। दूसरी तरफ़ ललित मोदी ने कॉरपोरेट अफ़ेयर्स मिनिस्ट्री को दी जानकारी में कहा है कि उनकी कंपनी 965 शेयर्स खरीदे हैं।




दोनों ही बयानों में जिस तरह का विरोधाभास सामने आया है उससे इस बिज़नेस डील में सबकुछ सही न होने के कांग्रेस के आरोप को बल मिल रहा है।




कांग्रेस ने अपने आरोपों में कहा है कि ये लेन-देन में एक गुप्त समझौते की तरफ़ इशारा करता है।



ललित मोदी ने साल 2010 में आईपीएल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद देश छोड़ दिया था।




गुप्त समझौता

ललित मोदी ने पिछले हफ्ते ही एक इंटरव्यू के दौरान इस खुलासे से सभी को चौंका दिया था कि जिस वक्त़ वे भारत में वांछित अपराधी थे तब वसुंधरा राजे ने ब्रिटेन सरकार से उनके इमिग्रेशन के लिए अपील की थी।




इसके ठीक बाद मीडिया में वो जानकारियां भी सामने आईं जिसके अनुसार ललित मोदी ने साल 2008-09 में ललित मोदी ने दुष्यंत सिंह की कंपनी के एक शेयर के लिए 96,000 रुपये जमा किये थे।



आश्चर्यजनक तौर पर दुष्यंत सिंह ने अपनी उसी कंपनी के प्रत्येक शेयर की कीमत सिर्फ़ 10 रुपये बताई थी। इस व्यापारिक लेनदेन और 3.8 करोड़ के लोन के ज़रिए ललित मोदी ने दुष्यंत सिंह को करीब 13 करोड़ रुपये दिए।




वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस लेनदेन को पूरी तरह से कानूनी बताया है, लेकिन ईडी जो वित्तमंत्रालय से जुड़ा हुआ विभाग है उसके अनुसार इस मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में जांच चल रही है।

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