खेतड़ी। विद्यार्थी मित्र ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु
खेतड़ी। शिमला गाँव के सात वर्षों तक अल्प वेतन में विद्यार्थी मित्र का काम करने के बाद घर बैठे बेरोजगार ने आर्थिक तंगी के चलते राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु। विद्यार्थी मित्र अनिल और उनके साथियों ने मजबूरी के चलते उठाया यह कदम। खेतड़ी के विद्यार्थी मित्रों की इस रणनीति से चिंतित है विद्यार्थी मित्रों के परिजन।
प्रदेश के 24192 विद्यार्थी मित्रों से सात साल तक अल्प वेतन में स्कुलों में काम करवाके 30 अप्रेल 2014 को सरकार ने उन्हे घर बैठने के आदेश जारी कर दिए। अब हाथ पर हाथ धरे बैठे विद्यार्थी मित्रों के घर पर फांके की नौबत आ रही है जिसके चलते उनके बच्चे व घरवाले भी परेशान हो रहे हैं।
खेतड़ी जिले के शिमला गांव के विद्यार्थी मित्र अनिल शर्मा ने परेशान होकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय से इच्छामृत्यु मांगी है। अनिल शर्मा का कहना है कि काम कर रहे थे तो घर पर दाल रोटी का जुगाड़ चल रहा था। लेकिन अब तो परिवार की माली हालत देखी नही जा रही है। इसीलिए हारकर मैने ऐसा कदम उठाया है।
अनिल के इस कदम पर उसके घरवाले व गांववाले भी चिंतित है उनका कहना है कि कहीं अनिल कोई ऐसा कदम ना उठा ले, जिससे उसे हानि हो। अनिल की इस बात को सुनकर ग्रामीणों का उसके घर पर तांता लगा हुआ है।
गौरतलब है की सरकार के इस कदम से परेशान होकर प्रदेश के तीन विद्यार्थी मित्र पहले भी अपनी जिंदगी दांव पर लगा चुके हैं। पाली के त्रिलोक सिंह, जयपुर के सुशील कुमार व दौसा के सुनिल व उसकी पत्नि भी परिवार की माली हालत के चलते आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए थे। खेतड़ी व बुहाना क्षेत्र में कई महिला व पुरूष विद्यार्थी मित्रों के घर की माली हालात अच्छी नही होने के कारण सभी पशोपेश की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि विद्यार्थी मित्रों को प्राईवेट स्कुलों वाले भी काम पर नही रख रहे हैं। इसलिए मजबुर होकर ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।
खेतड़ी। शिमला गाँव के सात वर्षों तक अल्प वेतन में विद्यार्थी मित्र का काम करने के बाद घर बैठे बेरोजगार ने आर्थिक तंगी के चलते राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु। विद्यार्थी मित्र अनिल और उनके साथियों ने मजबूरी के चलते उठाया यह कदम। खेतड़ी के विद्यार्थी मित्रों की इस रणनीति से चिंतित है विद्यार्थी मित्रों के परिजन।
प्रदेश के 24192 विद्यार्थी मित्रों से सात साल तक अल्प वेतन में स्कुलों में काम करवाके 30 अप्रेल 2014 को सरकार ने उन्हे घर बैठने के आदेश जारी कर दिए। अब हाथ पर हाथ धरे बैठे विद्यार्थी मित्रों के घर पर फांके की नौबत आ रही है जिसके चलते उनके बच्चे व घरवाले भी परेशान हो रहे हैं।
खेतड़ी जिले के शिमला गांव के विद्यार्थी मित्र अनिल शर्मा ने परेशान होकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय से इच्छामृत्यु मांगी है। अनिल शर्मा का कहना है कि काम कर रहे थे तो घर पर दाल रोटी का जुगाड़ चल रहा था। लेकिन अब तो परिवार की माली हालत देखी नही जा रही है। इसीलिए हारकर मैने ऐसा कदम उठाया है।
अनिल के इस कदम पर उसके घरवाले व गांववाले भी चिंतित है उनका कहना है कि कहीं अनिल कोई ऐसा कदम ना उठा ले, जिससे उसे हानि हो। अनिल की इस बात को सुनकर ग्रामीणों का उसके घर पर तांता लगा हुआ है।
गौरतलब है की सरकार के इस कदम से परेशान होकर प्रदेश के तीन विद्यार्थी मित्र पहले भी अपनी जिंदगी दांव पर लगा चुके हैं। पाली के त्रिलोक सिंह, जयपुर के सुशील कुमार व दौसा के सुनिल व उसकी पत्नि भी परिवार की माली हालत के चलते आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए थे। खेतड़ी व बुहाना क्षेत्र में कई महिला व पुरूष विद्यार्थी मित्रों के घर की माली हालात अच्छी नही होने के कारण सभी पशोपेश की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि विद्यार्थी मित्रों को प्राईवेट स्कुलों वाले भी काम पर नही रख रहे हैं। इसलिए मजबुर होकर ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है।
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