भरतपुर। राजस्थान रोडवेज़ के बस कंडक्टर ने किया 14 लाख का गबन
भरतपुर। राजस्थान रोडवेज के भरतपुर डिपो में एक कंडक्टर ने दो साल में ड्यूटी के दौरान किराए के रुप में प्राप्त होने वाला करीब 13.72 लाख रूपये की राजस्व राशि जमा नहीं कराई । हाल ही में राजस्थान रोडवेज द्वारा की गई जांच में इसका खुलासा हुआ है जिसमें कंडक्टर के अलावा कैश से जुड़े तीन और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है । रोडवेज प्रबंधन ने कंडक्टर के साथ तीन अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है । इस मामले को लेकर प्रबंधक ने अटलबंद थाने में एक तहरीर भी दी है।
कंडक्टर ऋषिराज शर्मा ने 18 अगस्त 2013 से लेकर 2 जून 2015 के दौरान बीच-बीच में किराए के रूप में प्राप्त होने वाला कैश जमा नहीं कराया और करीब 135 दिन का कैश वह अपने घर ले गया। ड्यूटी चार्ज के मुताबिक कंडक्टरों को इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन जारी की जाती है, जिसमें सर्वर के जरिये रुट के आने जाने के स्टॉपेज के हिसाब से किराया फीड होता है । लौटने पर कंडक्टर ईटीएम मशीन जमा कराता है और वहां से डीवीआर रिपोर्ट मिलती है जिसमे कंडक्टर द्वारा काटी गई टिकट,बुकिंग विंडो की टिकट एवं टोटल किराया राशि होती है । इस राशि को कंडक्टर कैश में जमा कराता है और जमा नहीं होने पर कैश में पेंडिंग रिपोर्ट कैशियर के कंप्यूटर में बोलती है । रोडवेज विभाग द्वारा गबन के इस मामले पर जांच बैठा दी गई है।
भरतपुर। राजस्थान रोडवेज के भरतपुर डिपो में एक कंडक्टर ने दो साल में ड्यूटी के दौरान किराए के रुप में प्राप्त होने वाला करीब 13.72 लाख रूपये की राजस्व राशि जमा नहीं कराई । हाल ही में राजस्थान रोडवेज द्वारा की गई जांच में इसका खुलासा हुआ है जिसमें कंडक्टर के अलावा कैश से जुड़े तीन और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है । रोडवेज प्रबंधन ने कंडक्टर के साथ तीन अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है । इस मामले को लेकर प्रबंधक ने अटलबंद थाने में एक तहरीर भी दी है।
कंडक्टर ऋषिराज शर्मा ने 18 अगस्त 2013 से लेकर 2 जून 2015 के दौरान बीच-बीच में किराए के रूप में प्राप्त होने वाला कैश जमा नहीं कराया और करीब 135 दिन का कैश वह अपने घर ले गया। ड्यूटी चार्ज के मुताबिक कंडक्टरों को इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन जारी की जाती है, जिसमें सर्वर के जरिये रुट के आने जाने के स्टॉपेज के हिसाब से किराया फीड होता है । लौटने पर कंडक्टर ईटीएम मशीन जमा कराता है और वहां से डीवीआर रिपोर्ट मिलती है जिसमे कंडक्टर द्वारा काटी गई टिकट,बुकिंग विंडो की टिकट एवं टोटल किराया राशि होती है । इस राशि को कंडक्टर कैश में जमा कराता है और जमा नहीं होने पर कैश में पेंडिंग रिपोर्ट कैशियर के कंप्यूटर में बोलती है । रोडवेज विभाग द्वारा गबन के इस मामले पर जांच बैठा दी गई है।
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