बाड़मेर। युवाओं का पुलिस की नौकरी से हो रहा मोहभंग, तलाश रहे हैं अन्य विकल्प
बाड़मेर। पुलिस की नौकरी को लेकर युवाओं में काफी क्रेज होता है शायद इसी का परिणाम है कि पुलिस भर्ती को लेकर युवाओ की फौज उमड़ती है. हजारों की संख्या मे लोग पुलिस मे भर्ती होने को आतुर हैं लेकिन बाड़मेर कुछ लोगों को पुलिस की नौकरी रास नही आ रही है बाड़मेर के कुछ युवाओ को पुलिस की नौकरी से बेहतर अध्यापक की नौकरी लग रही है इस बार कई पुलिस कर्मियो ने अध्यापक की नौकरी मे हाथ आजमाया और सफल हो गए.
पुलिस की नौकरी छोड़ बने टीचर
पुलिस की नौकरी मे रोब होता है अच्छा पैसा भी मिलता है भला एेसी नौकरी कौन छोडना चाहेगा. लेकिन बाड़मेर के युवाओँ का पुलिस की नौकरी मौह भंग हो गया है. जिसके चलते दर्जन भर से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने पुलिस की नौकरी छोड़कर मास्टर बनना उचित समझा. पुलिस कि नौकरी छोड़ अध्यापक बने खेताराम और रामसिंह का कहना है कि पुलिस की नौकरी मे परिश्रम ज्यादा है जिससे मानसिक रुप से चिड़चिड़ापन हो जाता है जिससे तनाव बढ़ जाता है जिसके कारण लोगो़ का पुलिस की नौकरी से मौह भंग हो राहा है इसके अलावा लोग अपनी सुविधा शरीर को आराम देने के उद्धेश्य से भी दूसरी नौकरियों मे हाथ आजमा रहे हैं.
पुलिस की नौकरी में है तनाव
आज के समय मे सरकारी नौकरी को लेकर लोगों मे काफी उत्साह रहता है सरकारी नौकरी को पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं. ऐसे हालात में लोगों का पुलिस की सरकारी नौकरी से मौहभंग होना न केवल हैरानी वाला है बल्कि गहनता से सोचने का विषय है. क्या पुलिस की नौकरी लोगों को रास नहीं आ रही है या इसके पीछे कोई और वजह है? बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक परिश देशमुख का मानना है कि पुलिस की नौकरी में तनाव और परिश्रम ज्यादा है इसलिए युवाओं का पुलिस की नौकरी से मोहभंग होने लगा है.
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