आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता को किया बरी
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है। इससे पहले निचले कोर्ट ने जयललिता और उनके तीन सहयोगियों को दोषी पाते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद जयललिता फिर से चुनाव लड़ सकती हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल बेंगलूरु की विशेष अदालत द्वारा जयललिता को दोषी करार दिए गया था। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री का पद से इस्तीफा देना पड़ा और आगे भी चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। करीब 19 साल पुराने मामले में पिछले वर्ष 27 सितम्बर को निचली अदालत ने जया सहित सभी आरोपियों को सजा सुनाई थी। जया पर एक अरब का जुर्माना लगाया गया था, जबकि बाकी आरोपियों पर 10-10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया लगा था।
वकीलों में खुशी
हाई कोर्ट के बाहर वकीलों ने कानूनी नियमों के आधार पर बनाई गई ड्रेस कोर्ट (काला कोर्ट) को पहनकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। वकीलों का कहना है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है, हम इस फैसले से बहुत खुश हैं। न्यायाधीश सी.आर. कुमारस्वामी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन महीने की मियाद दी गई थी, लेकिन कोर्ट ने एक दिन पहले अपना फैसला सुनाया दिया है। जया को राहत की सूचना मिलते ही हाई कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद अन्नाद्रमुक समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। सड़कों पर उतरे लोगों ने जगह-जगह पटाखे और मिठाईयां बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। हाई कोर्ट के आसपास कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए वहां काफी तादाद में सुरक्षा बल तैनात की गई।
जया की दलीलजयललिता ने अपनी दलील में तत्कालीन द्रमुक सरकार पर जान-बूझकर संपत्ति का ज्यादा मूल्यांकन करने का आरोप लगाया था। जया ने आभूषण सहित तमाम संपत्ति कानूनी रूप से वैध तरीके से अर्जित करने का दावा किया था।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है। इससे पहले निचले कोर्ट ने जयललिता और उनके तीन सहयोगियों को दोषी पाते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद जयललिता फिर से चुनाव लड़ सकती हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल बेंगलूरु की विशेष अदालत द्वारा जयललिता को दोषी करार दिए गया था। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री का पद से इस्तीफा देना पड़ा और आगे भी चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। करीब 19 साल पुराने मामले में पिछले वर्ष 27 सितम्बर को निचली अदालत ने जया सहित सभी आरोपियों को सजा सुनाई थी। जया पर एक अरब का जुर्माना लगाया गया था, जबकि बाकी आरोपियों पर 10-10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया लगा था।
वकीलों में खुशी
हाई कोर्ट के बाहर वकीलों ने कानूनी नियमों के आधार पर बनाई गई ड्रेस कोर्ट (काला कोर्ट) को पहनकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। वकीलों का कहना है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है, हम इस फैसले से बहुत खुश हैं। न्यायाधीश सी.आर. कुमारस्वामी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन महीने की मियाद दी गई थी, लेकिन कोर्ट ने एक दिन पहले अपना फैसला सुनाया दिया है। जया को राहत की सूचना मिलते ही हाई कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद अन्नाद्रमुक समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। सड़कों पर उतरे लोगों ने जगह-जगह पटाखे और मिठाईयां बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। हाई कोर्ट के आसपास कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए वहां काफी तादाद में सुरक्षा बल तैनात की गई।
जया की दलीलजयललिता ने अपनी दलील में तत्कालीन द्रमुक सरकार पर जान-बूझकर संपत्ति का ज्यादा मूल्यांकन करने का आरोप लगाया था। जया ने आभूषण सहित तमाम संपत्ति कानूनी रूप से वैध तरीके से अर्जित करने का दावा किया था।
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