जयपुर निष्क्रिय नेताओं पर नकेल कसने की कवायद के तहत कांग्रेस आलाकमान ने काम नहीं करने वाले नेताओं को घर भेजने की तैयारी कर ली है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटियों की लगातार तीन बैठकों से बिना कारण बताए नदारद रहने वाले नेताओं को पद से हटा दिया जाएगा।
कांग्रेस संविधान के एक पुराने प्रावधान को पहली बार राजस्थान से लागू किया जा रहा है। इसके बाद इसे अन्य प्रदेशों में भी लागू किया जाएगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी गुरुदास कामत ने गत 25 फरवरी को यहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पहली बैठक में कहा था कि 'काम नहीं करने वाले घर जाएंगे, बहुत लोग बैठे हैं काम करने वाले।
Ó अब उन्होंने कांग्रेस संविधान के प्रावधान को लागू करने की दिशा में औपचारिक कदम बढ़ाया है।
संविधान का सहारा
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के संविधान में प्रावधान है कि किसी कमेटी का कोई सदस्य लगातार तीन बार बैठकों से अनुपस्थित रहता है तो उसे कमेटी से हटाया जाएगा। लेकिन इससे पहले पार्टी ने कभी इस प्रावधान का इस्तेमाल नहीं किया।
बड़े नेता निशाने पर
दरअसल, कांग्रेस के कई नेताओं को उनके राजनीतिक कद के हिसाब से प्रदेश कांग्रेस कमेटी में रखना मजबूरी होती है और अधिकतर ऐसे नेता ही पीसीसी की बैठकों की परवाह नहीं करते। संभवत: ऐसे नेताओं को रास्ते पर लाने के लिए बैठकों में उपस्थिति को सख्ती से लागू करने का निर्णय किया गया है।
निष्क्रिय पदाधिकारियों के बारे में कांग्रेस संविधान में पहले से ही प्रावधान है। आलाकमान चाहे जब इसे लागू कर सकता है।
सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
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