प्राचीन काल में अहमदाबाद के समीप अवस्थित बहुचार जी मंदिर में अनूठा और निराला तालाब था जिसमें स्नान करने तो महिला जाती थी मगर जब वो बाहर आती थी तो वो पुरूष बन जाती थी।
मान्यता है की बहुचार जी मंदिर में निविष्ट देवी किन्नरों और उभयलिंगी व्यक्तियों की इष्ट हैं इसलिए किन्नरों के लिए यह स्थान श्रद्धा का केंद्र है और उनका यह प्रधान तीर्थ स्थान है।
आधुनिक काल में वह तालाब तो नहीं है जिसमें महिलाएं स्नान करके पुरुष बन जाती थी लेकिन आज महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए बहुचार जी माता के दर्शन कर उनकी आराधना करती हैं और किन्नरों का आशीष प्राप्त करती हैं। किन्नर स्त्रियों की भांति श्रृंगार करके देवी मां की इबादत करते हैं और खुद को स्त्री मानते हैं।
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