घबराए सीएमएचओ बोले, "तो क्या मैं आत्महत्या कर लूं"
कोटा। कोटा उत्तर से विधायक गुंजल की बदजुबानी वाला ऑडियो वायरल होने से बौखलाए उनके समर्थक दिलीप शुक्ला ने भी सीएमएचओ को जमकर धमकाया था।दबंगई की हद तो तब हो गई जब शुक्ला ने सीएमएचओ को धमकाते हुए यहां तक कहा कि यदि ऑडियो उनके द्वारा वायरल किए जाने की पुष्टि हो गई तो फिर मुख्यमंत्री तक भी चले जाना। इस पर घबराए सीएमएचओ बोले, "तो क्या मैं आत्महत्या कर लूं"।
सीएमएचओ की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक यह वार्ता 17 दिसम्बर की रात 9.17 बजे की है।
इस संबंध में दिलीप के खिलाफ नयापुरा थाने में अलग से एफआईआर पंजीबद्ध की गई है। इस वार्ता का ऑडियो भी वॉट्सएप पर वायरल हो गया।
एक माह से रिपोर्ट दबाकर बैठे विधायक प्रहलाद गुंजल और सीएमएचओ डॉ. आरएन यादव के बीच विवाद के अहम किरदार कम्पाउंडर विनोद कुमार मौर्य के मामले में एक माह बाद भी चिकित्सा विभाग बैकफुट पर है।
यह गुंजल के दबाव का असर है कि सरकारी दवाइयों के गबन का संगीन आरोप होने के बावजूद उसे दो दिन पहले मनमाफिक पोस्टिंग मिल गई।
एक माह से चल रहे इस मामले में आज तक चिकित्सा विभाग के अधिकारी सिर्फ रिपोर्ट ही मांग रहे हैं। निदेशक के मांगे जाने पर संयुक्त निदेशक ने शुक्रवार को मौर्य से जुड़ी जांच रिपोर्ट उन्हें भेज दी।
सांगोद के ब्लॉक सीएमओ डॉ. एसडी शर्मा ने 17 नवम्बर को बपावरकलां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दो दिन बाद 19 नवम्बर को जांच रिपोर्ट सीएमएचओ व संयुक्त निदेशक को भेजी थी। इसमें उन्होंने दो हजार टेबलेट का गबन प्रमाणित मानते हुए मौर्य के जवाब से संतुष्ट नहीं होते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
गुंजल के खिलाफ पहले भी मामला दर्ज
गुंजल के खिलाफ जवाहर नगर थाने में मामला दर्ज हो चुका है, जिसकी जांच सीआईडी (सीबी) में चल रही है। हैंगिंग ब्रिज निर्माण की मांग को लेकर गुंजल व उसके समर्थकों ने कोटा के एनएचएआई कार्यालय पर प्रदर्शन किया था।
अधिकारियों के नहीं मिलने पर उन्होंने कार्यालय पर ताला लगा दिया और सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। परियोजना निदेशक विभव मित्तल की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया था।
क्या कहते हैं अधिकारी
मैंने 19 नवम्बर को जांच रिपोर्ट सीएमएचओ व संयुक्त निदेशक को भेज दी थी। इसमें मौर्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की अनुशंसा की थी। मेरी जांच में गबन प्रमाणित माना गया था।
डॉ. एसडी शर्मा, ब्लॉक सीएमओ, सांगोद
ब्लॉक सीएमओ ने सिर्फ सूचनात्मक रिपोर्ट दी थी। विस्तृत जांच सीएमएचओ को सौंपी थी, लेकिन इसी बीच यह घटनाक्रम हो गया।
डॉ. हेमेन्द्र विजयवर्गीय, संयुक्त निदेशक, कोटा जोन -
सीएमएचओ की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक यह वार्ता 17 दिसम्बर की रात 9.17 बजे की है।
इस संबंध में दिलीप के खिलाफ नयापुरा थाने में अलग से एफआईआर पंजीबद्ध की गई है। इस वार्ता का ऑडियो भी वॉट्सएप पर वायरल हो गया।
एक माह से रिपोर्ट दबाकर बैठे विधायक प्रहलाद गुंजल और सीएमएचओ डॉ. आरएन यादव के बीच विवाद के अहम किरदार कम्पाउंडर विनोद कुमार मौर्य के मामले में एक माह बाद भी चिकित्सा विभाग बैकफुट पर है।
यह गुंजल के दबाव का असर है कि सरकारी दवाइयों के गबन का संगीन आरोप होने के बावजूद उसे दो दिन पहले मनमाफिक पोस्टिंग मिल गई।
एक माह से चल रहे इस मामले में आज तक चिकित्सा विभाग के अधिकारी सिर्फ रिपोर्ट ही मांग रहे हैं। निदेशक के मांगे जाने पर संयुक्त निदेशक ने शुक्रवार को मौर्य से जुड़ी जांच रिपोर्ट उन्हें भेज दी।
सांगोद के ब्लॉक सीएमओ डॉ. एसडी शर्मा ने 17 नवम्बर को बपावरकलां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दो दिन बाद 19 नवम्बर को जांच रिपोर्ट सीएमएचओ व संयुक्त निदेशक को भेजी थी। इसमें उन्होंने दो हजार टेबलेट का गबन प्रमाणित मानते हुए मौर्य के जवाब से संतुष्ट नहीं होते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
गुंजल के खिलाफ पहले भी मामला दर्ज
गुंजल के खिलाफ जवाहर नगर थाने में मामला दर्ज हो चुका है, जिसकी जांच सीआईडी (सीबी) में चल रही है। हैंगिंग ब्रिज निर्माण की मांग को लेकर गुंजल व उसके समर्थकों ने कोटा के एनएचएआई कार्यालय पर प्रदर्शन किया था।
अधिकारियों के नहीं मिलने पर उन्होंने कार्यालय पर ताला लगा दिया और सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। परियोजना निदेशक विभव मित्तल की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया था।
क्या कहते हैं अधिकारी
मैंने 19 नवम्बर को जांच रिपोर्ट सीएमएचओ व संयुक्त निदेशक को भेज दी थी। इसमें मौर्य के खिलाफ उचित कार्रवाई की अनुशंसा की थी। मेरी जांच में गबन प्रमाणित माना गया था।
डॉ. एसडी शर्मा, ब्लॉक सीएमओ, सांगोद
ब्लॉक सीएमओ ने सिर्फ सूचनात्मक रिपोर्ट दी थी। विस्तृत जांच सीएमएचओ को सौंपी थी, लेकिन इसी बीच यह घटनाक्रम हो गया।
डॉ. हेमेन्द्र विजयवर्गीय, संयुक्त निदेशक, कोटा जोन -
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