मुश्किल में गुंजल, भुगतनी पड़ सकती है 7 साल की जेल
जयपुर। सरकारी अधिकारी को गाली गलौच कर भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल मुश्किल में फंस गए हैं।
इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि अगर उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें सात साल की जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
गुंजल वर्तमान में कोटा (उत्तर) से विधायक हैं, इसलिए कोटा में दर्ज इस मामले की जांच अब सीआईडी-सीबी को सौंपी गई है।
इन धाराओं में मामला दर्ज किया गयागुंजल और उनके एक समर्थक दिलीप शुक्ला पर आईपीसी के सेक्शन 387 (किसी व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देना), सेक्शन 353 (सरकारी कर्मचारी को डयूटी के दौरान कार्य करने में बाधा डालना) और सेक्शन 189 (सरकारी कमर्मचारी को मारने की धमकी देना) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
गुंजल और उनके समर्थक पर आईटी एक्ट के सेक्शन 66ए (कंप्यूटर या अन्य किसी दूरसंचार माध्यम से आपत्तिजनक मैसेज भेजना) के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया गया है।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। अगर आईपीसी के सेक्शन 387 के अंतर्गत गुंजल दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है।
क्या था मामलाकोटा उत्तर से विधायक गुंजल ने सीएमएचओ डॉ. आरएन यादव को फोन कर धमकी दी थी और कहा था कि मेरा काम नहीं किया तो ऎसा खौफ पैदा करूंगा कि बच्चों को नींद नहीं आएगी।
छह मिनट 34 सेकंड की क्लीप में गुंजल ने यादव से जमकर गाली.गलौच की थी। गुंजल कोटा जिले के बपावरकलां स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत स्टोर इंचार्ज विनोद मौर्य को अपनी मनचाही जगह पर लगाना चाहते थे जबकि सीएमएचओ ने इससे इनकार कर दिया था।
मीडिया में मामला उछलने के बाद शुक्रवार को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने तुरंत कार्यवाही करते हुए पहले गुंजल से अपना पक्ष रखने को कहा और फिर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। -
जयपुर। सरकारी अधिकारी को गाली गलौच कर भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल मुश्किल में फंस गए हैं।
इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि अगर उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें सात साल की जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
गुंजल वर्तमान में कोटा (उत्तर) से विधायक हैं, इसलिए कोटा में दर्ज इस मामले की जांच अब सीआईडी-सीबी को सौंपी गई है।
इन धाराओं में मामला दर्ज किया गयागुंजल और उनके एक समर्थक दिलीप शुक्ला पर आईपीसी के सेक्शन 387 (किसी व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देना), सेक्शन 353 (सरकारी कर्मचारी को डयूटी के दौरान कार्य करने में बाधा डालना) और सेक्शन 189 (सरकारी कमर्मचारी को मारने की धमकी देना) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
गुंजल और उनके समर्थक पर आईटी एक्ट के सेक्शन 66ए (कंप्यूटर या अन्य किसी दूरसंचार माध्यम से आपत्तिजनक मैसेज भेजना) के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया गया है।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। अगर आईपीसी के सेक्शन 387 के अंतर्गत गुंजल दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है।
क्या था मामलाकोटा उत्तर से विधायक गुंजल ने सीएमएचओ डॉ. आरएन यादव को फोन कर धमकी दी थी और कहा था कि मेरा काम नहीं किया तो ऎसा खौफ पैदा करूंगा कि बच्चों को नींद नहीं आएगी।
छह मिनट 34 सेकंड की क्लीप में गुंजल ने यादव से जमकर गाली.गलौच की थी। गुंजल कोटा जिले के बपावरकलां स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत स्टोर इंचार्ज विनोद मौर्य को अपनी मनचाही जगह पर लगाना चाहते थे जबकि सीएमएचओ ने इससे इनकार कर दिया था।
मीडिया में मामला उछलने के बाद शुक्रवार को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने तुरंत कार्यवाही करते हुए पहले गुंजल से अपना पक्ष रखने को कहा और फिर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। -
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