गुरुवार, 25 दिसंबर 2014

सिरोही दवा के अभाव में टीबी मरीज बने मौत का ग्रास

सिरोही।टीबी एक्सडीआर मरीजों की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही मौत नहीं होती तो भी वे तिल-तिल कर मरने को मजबूर होते। हमारे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की बदहाली तो देखिए कि पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) के तहत निशुल्क दी जानी वाली दवाएं तक इन मरीजों को उपलब्ध नहीं हो पाई।
TB patient died in the absence of drug death made


प्रदेश में ही नहीं थी उपलब्ध


हालांकि आरएनटीसीपी के तहत दवाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन एक्सडीआर में चिह्नित हुए मरीजों के लिए कुछ खास तरह की दवाइयां उपलब्ध करानी थी। जो दवाइयां इन मरीजों के एमडीआर रहते हुए प्रतिरोधक हो रही हो वे कारगर नहीं थी। नई दवाइयों के लिए अधिकारी मुंह ताक रहे थे, लेकिन जिले तो क्या प्रदेश में ही किसी के पास इस तरह की कोई दवा उपलब्ध नहीं थी।


टेंडर तक नहीं हुए थे




अधिकारी बताते हैं कि वर्ष-2012 में एक्सडीआर को इस कार्यक्रम में शामिल करने के बाद बाड़मेर का एक मरीज चिह्नित किया गया। पूरे प्रदेश में यह पहला केस होने से उसे दवा देनी थी। इसके लिए दवा कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए गए, लेकिन एक ही मरीज होने से दवा की कम मात्रा होने से किसी कंपनी ने इसमें रूचि नहीं ली। ऎसे में एक्सडीआर के मरीज चिह्नित तो हुए पर दवाएं उपलब्ध नहीं थी।


उपचार शुरू करते हैं...




केंद्र सरकार की स्कीम है इसलिए दवाइयां भी वहीं से आती है। मरीज चिह्नित होने पर उपचार भी करते है। जिले में दवा कब से आने लगी इसकी अभी जानकारी नहीं है। डॉ. सुशीलकुमार परमार, सीएमएचओ, सिरोही




एक्सडीआर का मरीज चिह्नित होने पर ही उसे दवा दी जा सकती है। ऎसे में बगैर मरीज चिह्नित हुए दवा उपलब्ध भी कैसे हो सकती है। प्रदेश में दवा कब से शुरू हुई इसकी जानकारी मेरे पास नहीं है।
डॉ. जीआर दहिया, क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी, सिरोही


एक ही मरीज था, जिसे दवा मिली




सिरोही जिले में चिह्नित हुए आठ एक्सडीआर मरीजों में से महज एक ही मरीज ऎसा था, जिसे प्रोत्साहित कर जयपुर भेजा गया। इसने करीब तीन माह तक दवा खाई। उपचार के दौरान ही इसकी भी मौत हो गई। भारजा निवासी यह मरीज 7 दिसम्बर, 2013 को एक्सडीआर के रूप में चिह्नित हुआ था। वर्ष-2014 में जयपुर में इसका उपचार शुरू हुआ। जिले के कुल आठ एक्सडीआर मरीजों में से अब एक मरीज ही जिंदा है, लेकिन वह भी गुजरात से दवा ले रहा है।
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें