आतंकी व अवांछित गतिविधियों के संचालन के लिए तस्कर ही नहीं पाकिस्तानी मोबाइल कम्पनियों का नेटवर्क भी सीमा पार कर रहा है। सीमावर्ती बाड़मेर व जैसलमेर के तस्कर पड़ोसी देश की मोबाइल सिम काम में ले रहे हैं। जिससे वे बिना डर व परेशानी के आसानी से सीमा पार तस्करों से सम्पर्क साध जाली म ुद्रा ही नहीं हथियार व मादक पदार्थ तक मंगवा रहे हैं। गत दिनों जाली मुद्रा के साथ पकड़ में आए स्थानीय तस्कर से पाकिस्तान मोबाइल की सिम बरामद होने से पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
ट्रैस करने में होती है कठिनाई
भारत से कोई भी व्यक्ति यदि सीमा पार किसी से बातचीत करता है तो सुरक्षा एजेंसियां भांप लेती है। यह भी पता लग जाता है कि किस मोबाइल नम्बर से सीमा पार फोन किया गया है, लेकिन सीमा पार की मोबाइल सिम से यदि स्थानीय तस्कर भारत से पाक में बात करते हैं तो इसे ट्रैस करने में काफी कठिनाई होती है। तस्कर इसी का फायदा उठाकर अवांछित गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
सीमा पार आ रहा नेटवर्क
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीमा के काफी नजदीक मोबाइल कम्पनियों के टॉवर लगे होने से बाड़मेर-जैसलमेर सीमा से काफी अंदर तक पाकिस्तानी मोबाइ ल कम्पनियों की रेंज आती है।
300 मीटर अंदर से बात कर मंगाई थी जाली मुद्रा
गत दिनों पुलिस व एटीएस के हत्थे चढ़ने वाले शातिर तस्कर जानपालिया गांव निवासी मोहम्मद उर्फ मेहमूद ने मार्च के प्रथम सप्ताह में सीमा से तीन सौ मीटर अंदर से मोबाइल पर सीमा पार तस्कर से बात कर पांच लाख रूपए की जाली मुद्रा मंगवाई थी। सूत्रों के अनुसार यह सिम पाक मोबाइल कम्पनी की थी। जिसे पुलिस बरामद कर चुकी है।
सीमा पार से आ रहा मोबाइल नेटवर्क
"सीमा पार से आ रहे मोबाइल नेटवर्क को स्थानीय तस्करों द्वारा उपयोग में लेने की आशंका है। जाली मुद्रा के साथ पकड़ में आने वाले तस्कर से पाक की एक सिम बरामद भी हुई है।"
-परिस देशमुख, पुलिस अधीक्षक बाड़मेर
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