मनचलों ने छेड़ा तो खैर नहीं
जयपुर। मनचलों को सबक सिखाने के लिए प्रदेश की बालिकाएं भी तैयार हो रही हैं। इसके लिए वे स्कूलों में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही हैं। बांसवाड़ा जिले में शुरू हुई इस ट्रेनिंग को अब पुलिस व शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी स्कूलों में शुरू करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
सबसे पहले बांसवाड़ा को चुना
सशक्त बालिका, सशक्त राजस्थान के संदेश के साथ आत्मरक्षा की ट्रेनिंग सरकार की 90 दिवसीय कार्ययोजना में शामिल की है । सबसे पहले बांसवाड़ा को चुना है।
आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए पहले कुछ महिला कांस्टेबलों को जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में ट्रेनिंग दी गई। इसमें बचाव के साथ हमले के गुर भी सिखाए। इन कांस्टेबलों ने सरकारी स्कूलों में छात्राओं को ट्रेनिंग दी। कैप्सूल कोर्स के रूप में हर स्कूल में दस-दस दिन की ट्रेनिंग दी। बालिकाओं ने इसमें रूचि ली तो जिले की स्कूलों को अभियान में शामिल किया।
बांसवाड़ा में बालिकाओं ने जो सीखा उसका प्रदर्शन 15 अगस्त को उदयपुर में हुए स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में किया। इसमें बांसवाड़ा की घाटोल स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया। इसके तर्ज पर ट्रेनिंग प्रदेश में शुरू करने के निर्देश दिए। आरपीए में स्थार्ई रूप से क्लास शुरू की गई। इसमें हर जिले से महिला कांस्टेबल बुलाई जा रही हैं। यहां ट्रेनिंग लेने के बाद वे अपने जिलों में छात्राओं को ट्रेनिंग दे रही है।
ट्रेनिंग के लिए नोडल ऑफिसर बनाए आरपीए डायरेक्टर बी.एल.सोनी ने बताया कि कांस्टेबलों को ट्रेनिंग देने के बाद इस कार्यक्रम में जिला जूड़ो संघ, जिला ताइक्वांडो संघ जैसे संगठनो को जोड़ने के लिए कहा गया है।
ट्रेनिंग में उदयपुर रेंज में सबसे अधिक स्कूलों ने भाग लिया है। इसके बाद पाली व अन्य जिले शामिल हैं।
अधिक से अधिक बालिकाओं को ट्रेनिंग के लिए शिक्षा विभाग पहल कर रहा है। ट्रेनिंग को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में शामिल किया है। शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
राजीव दासोत एडीजी (आरएसी) -
जयपुर। मनचलों को सबक सिखाने के लिए प्रदेश की बालिकाएं भी तैयार हो रही हैं। इसके लिए वे स्कूलों में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही हैं। बांसवाड़ा जिले में शुरू हुई इस ट्रेनिंग को अब पुलिस व शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी स्कूलों में शुरू करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
सबसे पहले बांसवाड़ा को चुना
सशक्त बालिका, सशक्त राजस्थान के संदेश के साथ आत्मरक्षा की ट्रेनिंग सरकार की 90 दिवसीय कार्ययोजना में शामिल की है । सबसे पहले बांसवाड़ा को चुना है।
आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए पहले कुछ महिला कांस्टेबलों को जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में ट्रेनिंग दी गई। इसमें बचाव के साथ हमले के गुर भी सिखाए। इन कांस्टेबलों ने सरकारी स्कूलों में छात्राओं को ट्रेनिंग दी। कैप्सूल कोर्स के रूप में हर स्कूल में दस-दस दिन की ट्रेनिंग दी। बालिकाओं ने इसमें रूचि ली तो जिले की स्कूलों को अभियान में शामिल किया।
बांसवाड़ा में बालिकाओं ने जो सीखा उसका प्रदर्शन 15 अगस्त को उदयपुर में हुए स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में किया। इसमें बांसवाड़ा की घाटोल स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया। इसके तर्ज पर ट्रेनिंग प्रदेश में शुरू करने के निर्देश दिए। आरपीए में स्थार्ई रूप से क्लास शुरू की गई। इसमें हर जिले से महिला कांस्टेबल बुलाई जा रही हैं। यहां ट्रेनिंग लेने के बाद वे अपने जिलों में छात्राओं को ट्रेनिंग दे रही है।
ट्रेनिंग के लिए नोडल ऑफिसर बनाए आरपीए डायरेक्टर बी.एल.सोनी ने बताया कि कांस्टेबलों को ट्रेनिंग देने के बाद इस कार्यक्रम में जिला जूड़ो संघ, जिला ताइक्वांडो संघ जैसे संगठनो को जोड़ने के लिए कहा गया है।
ट्रेनिंग में उदयपुर रेंज में सबसे अधिक स्कूलों ने भाग लिया है। इसके बाद पाली व अन्य जिले शामिल हैं।
अधिक से अधिक बालिकाओं को ट्रेनिंग के लिए शिक्षा विभाग पहल कर रहा है। ट्रेनिंग को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में शामिल किया है। शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
राजीव दासोत एडीजी (आरएसी) -
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