पोस्टमास्टरों ने किया लाखों का गबन
जयपुर। जयपुर के दो डाकघरों में गबन का खुलासा हुआ है, जिनमें औचक निरीक्षण के दौरान लाखों रूपए की गड़बड़ी सामने आई है। इनमें ज्योति नगर स्थित विद्युत भवन डाकघर से 3.34 लाख और चौमूं डाकघर से 1.25 लाख रूपए का अधिकारियों ने गबन कर लिया ।दोनों ही जगह पोस्टमास्टरों की मिलीभगत सामने आई है। विभाग ने एक पोस्टमास्टर को निलंबित कर जांच शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद राशि और बढ़ सकती है। जांच में उपभोक्ताओं के खातों को भी खंगाला जा रहा है।
चेक में दर्शाई राशि
विद्युत भवन परिसर में संचालित डाकघर में उपभोक्ता बचत खाता, आवर्ती जमा, मासिक आय योजना में नकद जमा कराते रहे। पोस्टमास्टर अमर सिंह ने कुछ हिस्सा रोकड़ के बजाय चेक में दर्शाकर 3.34 लाख की राशि को खुद की जेब में भर लिया । आरोपित को दो दिन पहले ही निलंबित किया है।
पहले भागा फिर जमा कराई राशि
चौमूं डाकघर में औचक निरीक्षण के लिए पहुंची टीम को राशि कम मिली। पोस्टमास्टर रामजीलाल सोलंकी तत्काल वहां से चलता बना। अधिकारियों के रोकने पर जरूरी काम का हवाला देकर निकल गया। वापस लौटा और बकाया राशि जमा करा दी। बाकी राशि दूसरी जगह रखने की आड़ लेते हुए बचाव किया।
निदेशक (डाक सेवा) दुष्यंत मुद्गल से सवाल-जवाब
सवाल. दो डाकघरों में सरकारी रोकड़ में सेंधमारी हुई है?
जवाब. ज्योति नगर और चौमूं डाकघर में करीब 4.60 लाख रूपए का गबन सामने आया है। इसमें पोस्टमास्टर की मिलीभगत सामने आई है। जांच के बाद वास्तविक गबन राशि सामने आएगी।
सवाल. क्या इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है?
जवाब. ज्योति नगर डाकघर के पोस्टमास्टर को निलंबित किया है। चौमूं के मामले में विस्तृत जांच जारी है।
सवाल. दूसरे को निलंबित क्यों नहीं किया?
जवाब. दस्तावेज की जांच की जा रही है, जिसके आधार पर कार्रवाई करेंगे।
पहले भी हुए ऎसे मामले
जयपुर के राजापार्क डाकघर में करीब 33 लाख रूपए का गबन। पोस्टमास्टर निलंबित, जांच सीबीआई को सौंपी गई।
जेएलएन मार्ग स्थित डाकघर के पोस्टमास्टर ने घर का लोन चुकाने के लिए सरकारी खजाने से पांच लाख रूपए ले लिए। विभाग ने उसको निलंबित किया।
प्रताप नगर, सेक्टर 11-12 स्थित डाकघर के पोस्टमास्टर ने आरडी (आवर्ती जमा) लॉट की पासबुक में रोकड़ जमा होने की मुहर तो लगा दी, लेकिन करीब 2.50 लाख रूपए खुद उपयोग में ले लिए।
हल्दियों का रास्ता स्थित डाकघर में कार्यरत कर्मचारी ने उपभोक्ता की खाता राशि जमा कराने के बजाय अपने पास 5 साल तक रखा।
भरतपुर जिले के डीग मुख्य डाकघर के अंतर्गत कामां स्थि
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