जयपुर। आरएएस-प्री 2013 सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले में पटना से पकड़ा गया मास्टर माइंड आर.के. सिंह उर्फ मिथिलेश गिरोह का बॉस नहीं है। पूछताछ में उसने बताया कि गिरोह में उसके जैसे कई हैं, जो सिर्फ पेपर बांटते हैं और उगाही करते हैं।
एसओजी ने उसे बुधवार को सात दिन की रिमांड पर लिया। अब तक एसओजी उसे ही पूरे गिरोह का कर्ता-धर्ता मान रही थी, लेकिन इस खुलासे के बाद फिर से असली बॉस की तलाश में जुट गई है।
एसओजी के एसपी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि गिरोह में कई बड़े बिजनेसमैन भी शामिल हैं, जिनके काम बंटे हैं। आर.के. सिंह को राज्यस्तर के गुर्गो तक पेपर पहुंचाने और रकम बटोरने का काम मिला था।
पूछताछ में सामने आया है कि मास्टर माइंड ने अमृतलाल मीणा को दिल्ली में द्वारका स्थित अपने फ्लैट पर बुलाकर पेपर की फोटोकॉपी दी थी। इससे आशंका है कि पेपर प्रिटिंग प्रेस से ही लीक हुआ था।
आर.के. सिंह वर्ष 2006 से पेपर लीक के गोरखधंधे से जुड़ा है। उसके गिरोह का मुख्य लक्ष्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार था। गिरोह उत्तर भारत की करीब सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कर चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, गिरोह ने दिल्ली पीएमटी के पेपर लगातार तीन साल लीक किए। तीसरी बार कुछ लोग गिरफ्तार हुए, लेकिन तब आर.के. सिंह नहीं पकड़ा गया था। गिरोह ने वर्ष 2009 में अजमेर रेलवे बोर्ड की स्टेशन मास्टर परीक्षा में भी हाथ आजमाए थे।
रियल एस्टेट का काम
आर.के. सिंह रियल एस्टेट के काम से भी जुड़ा था। इसके चलते अपने इलाके में उसका रूतबा था। वह बिहार के अलावा यूपी, दिल्ली और राजस्थान में प्रॉपर्टी का कारोबार कर रहा था। वह हरियाणा के जींद में एक बीएड कॉलेज में पार्टनर भी है।
पूछताछ में सामने आया है कि आर.के. सिंह पटना में अपनी पत्नी के नाम से भी एक बीएड कॉलेज खोलने की तैयारी में था। अभी कॉलेज भवन का निर्माण चल रहा है, जिसके लिए वह समय-समय पर पटना भी जाता था।
दिल्ली के द्वारका और पटना में फ्लैट भी खरीद रखा है। वह लग्जरी कारों का भी शौकीन है। पटना में जब एसओजी ने उसे गिरफ्तार किया, तब वह एक लग्जरी कार में ही घूम रहा था। -
एसओजी ने उसे बुधवार को सात दिन की रिमांड पर लिया। अब तक एसओजी उसे ही पूरे गिरोह का कर्ता-धर्ता मान रही थी, लेकिन इस खुलासे के बाद फिर से असली बॉस की तलाश में जुट गई है।
एसओजी के एसपी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि गिरोह में कई बड़े बिजनेसमैन भी शामिल हैं, जिनके काम बंटे हैं। आर.के. सिंह को राज्यस्तर के गुर्गो तक पेपर पहुंचाने और रकम बटोरने का काम मिला था।
पूछताछ में सामने आया है कि मास्टर माइंड ने अमृतलाल मीणा को दिल्ली में द्वारका स्थित अपने फ्लैट पर बुलाकर पेपर की फोटोकॉपी दी थी। इससे आशंका है कि पेपर प्रिटिंग प्रेस से ही लीक हुआ था।
आर.के. सिंह वर्ष 2006 से पेपर लीक के गोरखधंधे से जुड़ा है। उसके गिरोह का मुख्य लक्ष्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार था। गिरोह उत्तर भारत की करीब सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कर चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, गिरोह ने दिल्ली पीएमटी के पेपर लगातार तीन साल लीक किए। तीसरी बार कुछ लोग गिरफ्तार हुए, लेकिन तब आर.के. सिंह नहीं पकड़ा गया था। गिरोह ने वर्ष 2009 में अजमेर रेलवे बोर्ड की स्टेशन मास्टर परीक्षा में भी हाथ आजमाए थे।
रियल एस्टेट का काम
आर.के. सिंह रियल एस्टेट के काम से भी जुड़ा था। इसके चलते अपने इलाके में उसका रूतबा था। वह बिहार के अलावा यूपी, दिल्ली और राजस्थान में प्रॉपर्टी का कारोबार कर रहा था। वह हरियाणा के जींद में एक बीएड कॉलेज में पार्टनर भी है।
पूछताछ में सामने आया है कि आर.के. सिंह पटना में अपनी पत्नी के नाम से भी एक बीएड कॉलेज खोलने की तैयारी में था। अभी कॉलेज भवन का निर्माण चल रहा है, जिसके लिए वह समय-समय पर पटना भी जाता था।
दिल्ली के द्वारका और पटना में फ्लैट भी खरीद रखा है। वह लग्जरी कारों का भी शौकीन है। पटना में जब एसओजी ने उसे गिरफ्तार किया, तब वह एक लग्जरी कार में ही घूम रहा था। -
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