जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि राज्य की ऎतिहासिक एवं पुरामहत्व की इमारतों एवं धरोहर के संरक्षण, रखरखाव और प्रबंधन के लिए समयबद्घ योजना के अनुरूप काम होना चाहिए ताकि ये पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सके। राजे शनिवार को ऎतिहासिक एवं पुरामहत्व की इमारत एवं धरोहर के संरक्षण के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि ऎतिहासिक धरोहर का प्रबंधन व संरक्षण इस तरह से किया जाए कि वहां पर्यटकों की संख्या में वृद्घि हो तथा उनसे होने वाली आय से ये सभी स्थान आत्मनिर्भर बन सकें । उन्होंने पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए जिलों को आपस में प्रतिस्पर्घात्मक रूप से कार्य करने पर जोर दिया जिससे संबंधित क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर देसी एवं विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़े।
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के पुराने डाक बंगलों के साथ सिंचाई एवं वन विभाग के निरीक्षण गृह व विश्रामगृह की सूची बनाने के निर्देश दिए ताकि उनका जीर्णोद्घार करवा कर यहां निजी पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था हो सके।
शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों की चर्चा करते हुए राजे ने कहा, वे हमारे इतिहास की साक्षी हैं। कु छ हवेलियों पर व्यक्तिगत मालिकाना हक है तथा पर्यटन विभाग इन व्यक्तियों से चर्चा कर इनके संरक्षण की भी पुख्ता व्यवस्था करें ताकि ये हवेलियां भी पर्यटकों के अवलोकन योग्य बन सके।
उन्होंने जयपुर के स्मारकों के रख-रखाव की ओर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिया कि आमेर किला प्रबंधन की योजना शीघ्र पूर्ण किया जाना चाहिए। भरतपुर की सुजानगंगा, संग्रहालय, धौलपुर के मचकु ण्ड वनविहार एवं तलाबेशाही पर्यटन स्थलों के रख-रखाव व जीर्णोद्घार के संबंध में भी बैठक में विचार विमर्श किया गया।
बैठक में बताया गया कि धौलपुर मचकु ण्ड वनविहार का प्रबंधन, तालछापर वन्य अभयारण्य की तर्ज पर पीपीपी मोड़ पर करने की योजना है। इसके लिए वन विभाग को शीघ्र कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जयपुर के रवीन्द्र रंगमंच तथा अलबर्ट हॉल के रख-रखाव एवं इन्हें और खूबसूरत बनाने व आमेर किले के आस-पास हुए अव्यवस्थित निर्माण को नियंत्रित करने पर भी चर्चा हुई। बैठक में विरासत संरक्षक माला सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् की सदस्य मीरा महर्षि, प्रमुख शासन सचिव वित्त सुभाष गर्ग, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन एस.के. अग्रवाल एवं पुरातत्व एवं पर्यटन विभाग के निदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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