शिक्षा विभाग के प्रतिनियुक्तियां निरस्त करने के आदेश कागजी शोभामात्र बनकर रह गए हैं। ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बालोतरा के अधिनस्थ विद्यालयों में आज भी करीब 125 शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर होने से इस बात को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। जनप्रतिनिधियों, प्रभावशाली व्यक्तियों, उच्चाधिकारियों के दबाव में स्थानीय शिक्षा अधिकारी शिक्षकों की पसंद अनुसार सुविधाजनक स्थानों पर उनकी प्रतिनियुक्तियां करते हैं। रेल मार्ग व बस मार्ग से जुड़े गांवों में इनकी प्रतिनियुक्तियां की जाती है। रसूखात के बल पर प्रतिनियुक्तियां कराने वाले शिक्षक देरी से विद्यालय पहुंचते वहीं जल्दी घरों को रवाना होते हैं।गत एक दशक से अधिक समय से उपखंड क्षेत्र मे यह स्थिति शैक्षणिक व्यवस्था का भट्टा ही बैठ गया है। प्रभावित शिक्षा पर आक्रोशित छात्र व अभिभावक बीते वर्षो में दर्जनों बार विद्यालय को बंद करवा चुके हैं। विरोध प्रदर्शन कर सरकार व प्रशासन को प्रतिनियुक्तियां निरस्त करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के आज दिन तक कुछ भी नहीं किया गया।
निरस्त की बजाय और की प्रतिनियुक्तियां
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बालोतरा के अधिनस्थ विद्यालयों में एक सौसे अधिक शिक्षक प्रतिनियुक्त पर नियुक्त है।बीईईओ ने शिक्षा विभाग के आदेशों की परवाह नहीं करते हुए इनकी नियुक्तियां निरस्त नहीं की।उल्टा विधायक की अनुशंषा पर तीन दर्जन से अधिक शिक्षकों की प्रतिनियुक्तियां उनके इच्छित स्थानों पर की।
यह कैसी नीति
शैक्षणिक व्यवस्था की आड़ में शिक्षा अधिकारी अपनी मनमर्जी से शिक्षकों की प्रतिनियुक्तियां कर रहे हैं।शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय असाड़ा में तीन शिक्षको की प्रतिनियुक्तियां की। यहां पर कार्यरत शिक्षकों को अन्य स्थानों पर भेजा। इसी तरह ग्राम पंचायत बड़नावा में दो शिक्षकों को नियुक्त किया, तीन को अन्यत्रलगाया। कल्याणपुर में एक शिक्षक को नियुक्त करने के साथ पांच को अन्यत्र लगाया।जसोल में एक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति करने के अलावा चार शिक्षको को अन्यत्र भेजा। गंगावास में तीन शिक्षकों को लगाने के साथ इतने की शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों में नियुक्त किया।
मजबूरी है
हमारी मजबूरी है। विधायक की अनुशंषा पर ही प्रतिनियुक्तियां की गई है। हुकमाराम भील ,ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, बालोतरा
अनुशंषा की है
प्रतिनियुक्तियां समाप्त की जानी थी। कई विद्यालयों में बच्चों की संख्या अधिक व अध्यापक कम होने से शैक्षणिक व्यवस्था बिगड़ गई।इस पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मैंने अध्यापक लगाने के लिए अनुशंषा की। -अमराराम चौधरी , विधायक, पचपदरा
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