बीजिंग. चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की एक और खबर के बीच चीन से भारत की परेशानी बढ़ाने वाली एक और खबर आ रही है। चीन ने अपने सीमा के इलाके शिंजियांग को पाकिस्तान से जोड़ने के लिए इंटरनेशनल रेल लिंक बनाने का फैसला किया है। इसके लिए शुरुआती रिसर्च भी कर ली गई है। यह ट्रेन रूट चीन के शिंजियांग प्रांत के शहर कशगर को पाकिस्तान के बंदरगाह शहर ग्वादर से जोड़ेगा। यह रेल नेटवर्क भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि यह पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से गुजरेगा। चीन के सरकार अखबार चाइना डेली ने शिंजियांग के रीजनल डेवलपमेंट एंड रिफाॅर्म कमिशन के हवाले से यह खबर दी है।
चीनी सेना ने भारत में फिर की घुसपैठ
भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी एक तरफ जहां चीन दौरे पर हैं, वहीं दूसरी ओर चीन की सेना भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिशों से बाज नहीं आ रही। ताजा मामला, पूर्वी लद्दाख का है, जहां चीनी सेना के जवान मशहूर पेंगोंग झील के भारतीय क्षेत्र में घुसे चले आए। चीन इस जल क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है। हालांकि, बाद में भारतीय सेना ने उन्हें वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया। बता दें कि 26 जून को चीन दौरे पर रवाना हुए उप राष्ट्रपति के साथ कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण भी हैं। बीजिंग में पंचशील समझौते की 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर हामिद अंसारी चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से भी मिलेंगे।
बोट पर सवार होकर आए चीनी सेना के जवान
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना 24 जून की है। पीएमओ के सूत्रों के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के जवान बोट में सवार होकर इस झील के भारतीय क्षेत्र में साढ़े 5 किमी अंदर तक घुस आए। इस झील का बड़ा हिस्सा चीनी नियंत्रण वाले तिब्बत इलाके में आता है।
खबर के मुताबिक, चीनी सैनिक हाई स्पीड इंटरसेप्टर बोट्स में सवार थे। बाद में अमेरिका निर्मित इंटरसेप्टर बोट्स में सवार भारतीय सेना की टुकड़ी ने उन्हें पीछे धकेला। पूरा घटनाक्रम करीब 2 घंटे चला। चीन का नेतृत्व नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी नई सरकार से रिश्ते सुधारने की बात करता रहा है, ऐसे में इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ सकती है। हालांकि, जानकार मानते हैं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सिर्फ बिजनेस की वजह से ही सुधर सकते हैं। बता दें कि इससे पहले भी चीनी सेना के भारतीय सीमा में घुस आने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
'पेंगोंग सो' से जुड़ी हैं भारत की कड़वी यादें
लद्दाख इलाके में स्थित झील 'पेंगोंग सो' के उत्तरी तट से भारत की कड़वी यादें जुड़ी हैं क्योंकि 1962 की लड़ाई में यह विवाद की बड़ी वजहों में शामिल था। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की ओर से लगातार दखलंदाजी की वजह से भी यह क्षेत्र भारत के लिए चिंता का विषय रहा है। पेंगोंग झील समुद्र तल से 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका विस्तार 134 किमी में है। सिर्फ इस साल इस जल क्षेत्र में चीन और भारत का 12 बार आमना-सामना हुआ है। चीन अपने क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
चीनी सेना ने भारत में फिर की घुसपैठ
भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी एक तरफ जहां चीन दौरे पर हैं, वहीं दूसरी ओर चीन की सेना भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिशों से बाज नहीं आ रही। ताजा मामला, पूर्वी लद्दाख का है, जहां चीनी सेना के जवान मशहूर पेंगोंग झील के भारतीय क्षेत्र में घुसे चले आए। चीन इस जल क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है। हालांकि, बाद में भारतीय सेना ने उन्हें वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया। बता दें कि 26 जून को चीन दौरे पर रवाना हुए उप राष्ट्रपति के साथ कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण भी हैं। बीजिंग में पंचशील समझौते की 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर हामिद अंसारी चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से भी मिलेंगे।
बोट पर सवार होकर आए चीनी सेना के जवान
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना 24 जून की है। पीएमओ के सूत्रों के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के जवान बोट में सवार होकर इस झील के भारतीय क्षेत्र में साढ़े 5 किमी अंदर तक घुस आए। इस झील का बड़ा हिस्सा चीनी नियंत्रण वाले तिब्बत इलाके में आता है।
खबर के मुताबिक, चीनी सैनिक हाई स्पीड इंटरसेप्टर बोट्स में सवार थे। बाद में अमेरिका निर्मित इंटरसेप्टर बोट्स में सवार भारतीय सेना की टुकड़ी ने उन्हें पीछे धकेला। पूरा घटनाक्रम करीब 2 घंटे चला। चीन का नेतृत्व नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी नई सरकार से रिश्ते सुधारने की बात करता रहा है, ऐसे में इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ सकती है। हालांकि, जानकार मानते हैं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सिर्फ बिजनेस की वजह से ही सुधर सकते हैं। बता दें कि इससे पहले भी चीनी सेना के भारतीय सीमा में घुस आने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
'पेंगोंग सो' से जुड़ी हैं भारत की कड़वी यादें
लद्दाख इलाके में स्थित झील 'पेंगोंग सो' के उत्तरी तट से भारत की कड़वी यादें जुड़ी हैं क्योंकि 1962 की लड़ाई में यह विवाद की बड़ी वजहों में शामिल था। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की ओर से लगातार दखलंदाजी की वजह से भी यह क्षेत्र भारत के लिए चिंता का विषय रहा है। पेंगोंग झील समुद्र तल से 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका विस्तार 134 किमी में है। सिर्फ इस साल इस जल क्षेत्र में चीन और भारत का 12 बार आमना-सामना हुआ है। चीन अपने क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार रहा है, जो भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
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