बाड़मेर समाज से बहिष्कृत व हुक्का-पानी बंद करने का आरोप
थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए कोर्ट से पेश किया इस्तागासा
बाड़मेर बालोतरा में समाज से परिवार को बहिष्कृत करने तथा हुक्का-पानी बंद करने का आरोप पीडि़त ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए एसीजेएम कोर्ट में पेश किए इस्तगासे में लगाए।
इस्तगासे में केहराराम पुत्र सवाराम प्रजापत निवासी खेजडिय़ाली हाल बालोतरा ने बताया कि मिसराराम व केसाराम पुत्र सवाराम प्रजापत उनके भाई है। उनके भाई मिसराराम की पुत्री माफीदेवी की शादी हड़मानराम पुत्र नेमाराम प्रजापत निवासी पारलू के साथ 6 वर्ष हिंदू रीति रिवाज से हुई थी, तब मिसराराम ने अपनी हैसियत के हिसाब से दहेज दिया था। लेकिन शादी के बाद से ससुराल पक्ष वाले माफीदेवी को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। इस पर माफीदेवी ने ससुराल पक्ष वालों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा सहित विभिन्न मुकदमे दर्ज करवाए, जो कोर्ट में विचाराधीन है। इसके अलावा ससुराल पक्ष वाले माफीदेवी के साथ परिवारजनों को डरा धमका रहे थे और समाज से बहिष्कृत करने की नाराजगी रखने लगे। 12 अप्रैल 2014 को खेजडिय़ाली गांव में जोधपुर पट्टी चौताला (प्रजापत समाज के पंच) पुखराज पुत्र नारायण प्रजापत के घर एकत्रित हुए और आरोपी नेमाराम पुत्र उकाजी, चेनाराम पुत्र उकाजी, गोबरराम पुत्र हंसाजी, सुजाराम पुत्र परखाजी, हड़मानराम पुत्र पोकर, चैनाराम पुत्र गुणेश, पुखराज पुत्र नारायण, भंवरलाल पुत्र भगजी, रमेश कुमार पुत्र मिसराराम, प्रेमाराम पुत्र जसाजी, ओमाराम पुत्र सुजाराम, वीजाराम पुत्र राणाजी, मसराराम पुत्र करनाराम, रावताराम पुत्र चिमनाजी, कन्हैयालाल पुत्र केसाजी, शंकरराम पुत्र देराम प्रजापत, मूलाराम पुत्र स्वरुप, पुखराज पुत्र रामाजी, रूघनाथ पुत्र प्रभुजी, रावताराम पुत्र मेघाजी, गोपाराम पुत्र पोलाजी, मसराराम पुत्र छोगाजी, हेमाराम पुत्र अचलाजी, पोकरराम पुत्र हेमाजी, चतराराम पुत्र मूलाजी, कोहलाराम पुत्र लूंबाजी व हस्तीमल पुत्र मसराजी प्रजापत ने एकराय होकर उसे, उसके भाई मिसराराम, केसाराम के परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया और हुक्का पानी बंद करने की लिखा पढ़ी की। इसके बाद प्रार्थी की माता के देहांतवास पर सभी आरोपी आए और परिवारजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया।
इसके बाद 27 मई को केहराराम घर के माता के देहांत पर आयोजित सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार शोक सभा में दो आरोपी फिर आए और रीत-रस्म करने से रोका और अड़चन डाली। इस पर पीडि़त परिवारजन ने खूब मिन्नतें की, मगर किसी ने सुनवाई नहीं की और 2 लाख रुपए का आर्थिक दंड भुगतने का दबाव बनाया। पीडि़त ने मामला दर्ज आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
थाना क्षेत्र दूसरा होने से वापिस भिजवाया है
इस मामले में सारी घटना खेजडिय़ाली गांव की बताई गई है, जो समदड़ी थाना क्षेत्र में आता है। इसलिए हमने इस्तगासा पुन: कोर्ट में भिजवा दिया है।
सुखाराम विश्नोई, सीआई, बालोतरा।
बाड़मेर बालोतरा में समाज से परिवार को बहिष्कृत करने तथा हुक्का-पानी बंद करने का आरोप पीडि़त ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए एसीजेएम कोर्ट में पेश किए इस्तगासे में लगाए।
इस्तगासे में केहराराम पुत्र सवाराम प्रजापत निवासी खेजडिय़ाली हाल बालोतरा ने बताया कि मिसराराम व केसाराम पुत्र सवाराम प्रजापत उनके भाई है। उनके भाई मिसराराम की पुत्री माफीदेवी की शादी हड़मानराम पुत्र नेमाराम प्रजापत निवासी पारलू के साथ 6 वर्ष हिंदू रीति रिवाज से हुई थी, तब मिसराराम ने अपनी हैसियत के हिसाब से दहेज दिया था। लेकिन शादी के बाद से ससुराल पक्ष वाले माफीदेवी को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। इस पर माफीदेवी ने ससुराल पक्ष वालों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा सहित विभिन्न मुकदमे दर्ज करवाए, जो कोर्ट में विचाराधीन है। इसके अलावा ससुराल पक्ष वाले माफीदेवी के साथ परिवारजनों को डरा धमका रहे थे और समाज से बहिष्कृत करने की नाराजगी रखने लगे। 12 अप्रैल 2014 को खेजडिय़ाली गांव में जोधपुर पट्टी चौताला (प्रजापत समाज के पंच) पुखराज पुत्र नारायण प्रजापत के घर एकत्रित हुए और आरोपी नेमाराम पुत्र उकाजी, चेनाराम पुत्र उकाजी, गोबरराम पुत्र हंसाजी, सुजाराम पुत्र परखाजी, हड़मानराम पुत्र पोकर, चैनाराम पुत्र गुणेश, पुखराज पुत्र नारायण, भंवरलाल पुत्र भगजी, रमेश कुमार पुत्र मिसराराम, प्रेमाराम पुत्र जसाजी, ओमाराम पुत्र सुजाराम, वीजाराम पुत्र राणाजी, मसराराम पुत्र करनाराम, रावताराम पुत्र चिमनाजी, कन्हैयालाल पुत्र केसाजी, शंकरराम पुत्र देराम प्रजापत, मूलाराम पुत्र स्वरुप, पुखराज पुत्र रामाजी, रूघनाथ पुत्र प्रभुजी, रावताराम पुत्र मेघाजी, गोपाराम पुत्र पोलाजी, मसराराम पुत्र छोगाजी, हेमाराम पुत्र अचलाजी, पोकरराम पुत्र हेमाजी, चतराराम पुत्र मूलाजी, कोहलाराम पुत्र लूंबाजी व हस्तीमल पुत्र मसराजी प्रजापत ने एकराय होकर उसे, उसके भाई मिसराराम, केसाराम के परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया और हुक्का पानी बंद करने की लिखा पढ़ी की। इसके बाद प्रार्थी की माता के देहांतवास पर सभी आरोपी आए और परिवारजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया।
इसके बाद 27 मई को केहराराम घर के माता के देहांत पर आयोजित सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार शोक सभा में दो आरोपी फिर आए और रीत-रस्म करने से रोका और अड़चन डाली। इस पर पीडि़त परिवारजन ने खूब मिन्नतें की, मगर किसी ने सुनवाई नहीं की और 2 लाख रुपए का आर्थिक दंड भुगतने का दबाव बनाया। पीडि़त ने मामला दर्ज आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
थाना क्षेत्र दूसरा होने से वापिस भिजवाया है
इस मामले में सारी घटना खेजडिय़ाली गांव की बताई गई है, जो समदड़ी थाना क्षेत्र में आता है। इसलिए हमने इस्तगासा पुन: कोर्ट में भिजवा दिया है।
सुखाराम विश्नोई, सीआई, बालोतरा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें