सोमवार, 23 जून 2014

राजस्थान में ऊंट को मारा तो होगी जेल

राजस्थान में अब ऊंट मारने पर जेल जाना होगा। राज्य सरकार के ऊंट वध प्रतिबंध के लिए तैयार मसौदे में अधिकतम 7 साल सजा का प्रावधान है। विधि विभाग के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर होगा। मसौदे पर आगामी केबिनेट बैठक में मुहर लग सकती है। kill camel then jail


पशुपालन विभाग ने राजस्थान गौवंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रजनन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 की तर्ज पर ही राजस्थान ऊष्टवंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रजनन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम 2014 का मसौदा तैयार किया है।

इसे विधि विभाग को भेज संशोधन भी कर लिए गए हैं। प्रदेश में ऊंटों की गिरती संख्या से चिंतित मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जनवरी में ऊंट संरक्षण के लिए अलग कानून बनाने के निर्देश दिए थे। इससे पहले ऊंट को राजकीय धरोहर घोçष्ात करने का निर्णय भी हो चुका है।

कानून सिर्फ 2 कदम दूर

- केबिनेट से हरी झंडी के बाद मसौदा राष्ट्रपति के पास जाएगा
- विधानसभा में पारित करा राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बनेगा

क्यों पड़ी कानून की जरूरत

क्योंकि 24 साल में 3.34 लाख घटे ऊंट
3.41 लाख ऊंट थे 1951 में प्रदेश में
7.56 लाख हुई यह संख्या 1983 में
4.22 लाख ही रह गए 2007 में

तस्करी पर भी सजा

यह कानून ऊंट की तस्करी पर भी रोक लगाता है। सूत्रों के मुताबिक ऊंटों की तस्करी पर न्यूनतम छह माह और अधिकतम तीन वष्ाü तक की सजा संभव है।

ऊंट का प्रतीक चिह्न होगा इस्तेमाल

राज्य सरकार का ऊंट प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल विभागों, संस्थाओं, राजकीय उपक्रमों और प्रचार-प्रसार सामग्रियों में करेगी। अभी सिर्फ पर्यटन विकास निगम के लोगो में ऊंट का इस्तेमाल हो रहा है। मकसद यह ऊंट को राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना।

सबसे बड़ी चिंता यह

सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता ऊंट से ज्यादा ऊंटनियों की गिरती संख्या है। पशु गणना के जल्द जारी होने वाले नए आंकड़ों से पूरी स्थिति साफ होगी। - 

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