नई दिल्ली। द्वारकी पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शिरडी के साईं बाबा को लेकर विवादित बयान दिया है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि साईं बाबा ईश्वर नहीं है। उनकी पूजा हिंदू धर्म को बांटने की साजिश है। ब्रिटेन ने हिंदू धर्म को बांटने की साजिश रची है।
शंकराचार्य ने कहा कि साईं बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर साईं बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक होते तो मुसलमान भी साईं बाबा को मानते लेकिन उन्हें केवल हिंदू ही मानते हैं। ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि साईं बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। साईं बाबा के नाम पर कमाई की जा रही है।
शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने के लिए जो अभियान चलाया जा रहा है उससे ध्यान बंटाने के लिए साईं बाबा के
नए नए मंदिर बनाए जा रहे हैं। करोड़ों रूपए लुटाए जा रहे हैं। जो काम भगवान राम के लिए होना चाहिए वह साईं के लिए हो रहा है। शंकराचार्य ने कहा कि पूजा अवतार या गुरू की होती है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु के 42 अवतार माने जाते हैं। कलयुग में बुद्ध और कल्कि के अलावा किसी अवतार की चर्चा नहीं है,इसलिए साईं अवतार नहीं हो सकते।
गौरतलब है कि स्वरूपानंद सरस्वती ने लोकसभा चुनाव के दौरान हर हर मोदी,घर घर मोदी नारे की आलोचना करते हुए इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया था। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से बात कर अपनी नाराजगी प्रकट की थी। बाद में नरेन्द्र मोदी ने अपने समर्थकों से हर हर मोदी का नारा नहीं लगाने की अपील की थी।
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