जयपुर। नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में राजस्थान को कथित रूप से प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से प्रदेश के सांसदों के बीच नाराजगी के स्वर उभरे। समाचार चैनलों के मुताबिक राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीकानेर हाउस में प्रदेश के सभी 25 सांसदों के साथ बैठक की।
बताया गया कि कैबिनेट में राजस्थान को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से नाराज प्रदेश के सांसद मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जाने के लिए तैयार नहीं थे। वसुंधरा राजे ने सांसदों से कहा कि कैबिनेट विस्तार के वक्त मौका मिलेगा। इसके बाद सभी सांसद शपथ ग्रहण समारोह में जाने के लिए तैयार हुए। राजस्थान से चार सांसदों को मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी। गौरतलब है कि प्रदेश में इस बार सभी 25 सीटों पर भाजपा विजयी रही है।
अजमेर से सांसद सांवरलाल जाट,कोटा से सांसद ओम बिड़ला, बीकानेर से सांसद अर्जुन मेघवाल का नाम मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे। झालावाड़ सांसद और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह और श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद का नाम भी मंत्री पद के संभावितों में शामिल था। जयपुर ग्रामीण सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. सीपी जोशी को पटखनी देने वाले पूर्व ओलम्पियन राज्यवर्द्धन सिंह का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा था।
यूपीए-2 सरकार में राजस्थान को अच्छा प्रतिनिधित्व मिला था। प्रदेश के 6 कांग्रेसी सांसदों को केन्द्रीय मंत्री बनाया गया था। पूर्व में भी कांग्रेसी सांसदों को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह दी गई थी। गौरतलब है कि 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजस्थान की 25 में से 20 सीटों पर कब्जा जमाया था। -
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