नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को कहा कि यह शानदार लम्हा और शानदार मौका है। समारोह मे हिस्सा लेने के लिए आज सुबह ही दिल्ली पहुंचे नवोज ने एक भारतीय समाचार चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि मैं वहां से शुरू करना चाहता हूं जहां से मैंने और वाजपयी ने छोड़ा था।
पिछले साल जून में तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने नवाज शरीफ को सार्क के अन्य सदस्य देशों के राष्ट्राध्क्षया के साथ समारोह में आने के न्योता दिया गया था। भारत और पाकिस्तान के संबंधो में चल रही तल्खी के बीच शरीफ की यात्रा ऎतिहासिक मानी जा रही है।
शरीफ ने भाजपा की जीत को पिछले साल उनकी पार्टी को मिली जीत से जोड़ते हुए कहा, दोनों सरकारों को ऎतिहासिक मत मिला है। यह दोनों देशों के संबंधों में नई दिशा लाने में सहायक होगा। मेरे मन में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए बहुत सम्मान है।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद शरीफ (64) मंगलवार को प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे। हालांकि, सार्क के अन्य नेता भी मोदी से इसी दिन मुलाकात करेंगे। शरीफ और मोदी की मुलाकात संभवत: दोपहर में होंगी।
शरीफ ने चैनल के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के खिलाफ डर, संदेह और अविश्वास को दूर करना होगा। दोनों देशों को दशकों से क्षेत्र में फैली अस्थिरता को दूर करना होगा।
चुनावी अभियान में मोदी ने पड़ोसी देश द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या करने के बाद कांग्रेस को पाकिस्तान से वार्ता जारी रखने के लिए आड़े हाथों लिया था। शरीफ को अपने शपथ ग्रह्रण समारोह में बुलाने के फैसले को कई लोगों ने साहसिक कदम बताया, तो भाजपा के सहयोगी दल शिव सेना ने इसकी आलोचना की थी।
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