सोमवार, 19 मई 2014

जीतन राम मांझी होंगे बिहार के नए मुख्यमंत्री



पटना। बिहार के एससी-एसटी कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी का नाम राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में तय किया गया है। मांझी का नाम नीतीश कुमार ने तय किया है। सोमवार को हुई जदयू विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार ने दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभालने से इंकार कर दिया था और नए नेता का फैसला नीतीश कुमार पर छोड़ दिया गया था। जदयू दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।

Decision on Nitish Kumar quitting as Bihar CM final: Sharad Yadavविधायक दल की बैठक के बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह बिहार के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं। सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी 2015 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगी।

नीतीश कुमार हो सकते हैं जदयू अध्यक्ष

समाचार चैनलों के मुताबिक जदयू नेताओं और विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। समाचार चैनलों ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि शरद यादव को अध्यक्ष पद से हटाकर नीतीश कुमार को पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है।

शरद यादव ने स्पष्ट किया है कि नीतीश कुमार दोबार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का फैसला कठिन लेकिन अंतिम है। फैसला राष्ट्र हित में लिया गया है। यह पार्टी और नीतीश कुमार के हित में भी है। जो विरोध कर रहे हैं हमने उन्हें इस बारे में बता दिया है। यह कठिन लेकिन अंतिम फैसला है। हमरा गोल दिल्ली है।

कई विधायकों ने नीतीश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा

गौरतलब है कि जदयू के कई विधायकों ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रवीन्द्र राय और अनिरूद्ध यादव जैसे विधायकों की मांग है कि विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार की जगह नया नेता चुना जाए। कहा जा रहा है कि ये विधायक शरद यादव के खेमे से जुड़े हुए हैं। दोपहर दो बजे विधायक दल की बैठक होगी। इसमें नया नेता चुना जाएगा। रविवार को विधायक दल की बैठक में जदयू विधायकों ने नीतीश कुमार से इस्तीफे पर पुर्नविचार करने की अपील की। नीतीश कुमार ने कहा था कि वह सोमवार को अपना फैसला सुनाएंगे।


लालू को झटका,तीन विधायकों ने दिया इस्तीफा

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रविवार को तगड़ा झटका लगा। राजद के तीन विधायकों ने नीतीश कुमार के समर्थन में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सम्राट चौधरी,रामलखन राम रमन और जावेद इकबाल ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को अपने इस्तीफे सौंप दिए। तीनों के इस्तीफे के बाद 243 सदस्यीय विधानसभा में राजद के 21 विधायक रह गए हैं।

सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री जैसा बड़ा पद छोड़ दिया तो क्या हम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने जैसा छोटा त्याग भी नहीं कर सकते। हम नीतीश कुमार के हाथ मजबूत करने के लिए जदयू में शामिल होंगे। चौधरी,रमन और इकबाल उन 13 राजद विधायकों में शामिल हैं जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उन्हें अलग ग्रुप के रूप में मान्यता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा था।

हालांकि बाद में 13 में से 9 विधायक राजद में लौट आए थे। सम्राट चौधरी जदयू के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। शकुनी चौधरी पहले ही लालू की पार्टी से नाता तोड़ चुके थे। चौधरी ने कहा कि फरवरी में राजद छोड़ने के बाद वे नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं। सम्राट चौधरी परबट्टा से विधायक हैं। रमन राजनगर(एससी के लिए सुरक्षित सीट)और जावेद इकबाल बांका से विधायक हैं।

लालू ने कहा,जदयू से गठबंधन का सवाल ही नहीं
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव ने जदयू से हाथ मिलाने से इनकार किया है। लालू ने कहा,जदयू से गठबंधन का सवाल ही नहीं है। हम जदयू से हाथ नहीं मिलाएंगे। जदयू से गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। ये खबरें निराधार है कि शरद यादव ने मुझसे तीन चार बार बात की है। हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। जदयू में जो कुछ हो रहा है वह उनका आंतरिक मामला है। वहीं लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने कहा है कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुट होना चाहिए।

लालू से हाथ मिलाने के संकेत
शरद यादव ने शनिवार को लालू यादव से हाथ मिलाने के साफ संकेत दिए थे। राजद से अलग होकर नया गुट बनाने वाले 12 विधायकों को फिर से पार्टी विधायक दल का अंग मान लिया गया था। बिहार विधानसभा सचिवालय ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी। बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के इस फैसले को जदयू और राजद के बीच संभावित तालमेल के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में राजद के 21 विधायक हैं।

कांग्रेस ने शरद यादव को दिया समर्थन का आश्वासन

जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने रविवार को कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात की। कांग्रेस ने शरद यादव को आश्वासन दिया है कि वह बिहार में नई सरकार बनाने के लिए जदयू का समर्थन करेगी। कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा है कि पार्टी जदयू सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी। समर्थन वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। हमने साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन दिया था। मुझे व्यक्तिगत रूप से समर्थन वापस लेने का कोई कारण नजर नहीं आता।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के बुरे प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। -

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें